शनिवार, 18 जनवरी 2020

❣️ द्विस्वभाव राशियाँ :- व्यक्तित्व , विशेषताएँ , गुण , तथा कर्म क्षेत्र का निर्धारण :----

❣️ द्विस्वभाव राशिया   ( Dual Signs)

(3 , 6 , 9 , 12)  【मिथुन , कन्या , धनु , मीन】
जातक का व्यक्तित्व ,  विशेषताएँ , गुण ,  प्रवृति , रोग तथा  कर्म क्षेत्र का निर्धारण :----

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💗 द्विस्वभाव राशियाँ बुद्धिमत्ता , ज्ञान , सहानुभूतिपूर्ण  , शांत प्रकृति , चंचलता , परिवर्तित  स्वभाव को सूचित करती हैं...!

💗  द्विस्वभाव राशि/लग्न वाले जातक  रहस्यों को जानने वाले , सूक्ष्मग्राही ( बात को बारीकी से पकड़नेवाले ) ,  सामंजस्य पूर्ण , शान्त चित्त , सुशील , सदा प्रसन्न रहने वाले तथा अस्थिर विचार वाले होते है ....!

💗  द्विस्वभाव राशि में लचीलापन होने के कारण इस राशि/ लग्न के जातक कही भी किसी भी circle में आसानी से सामंजस्य बैठा लेते है ...!

❣️❣️  द्विस्वभाव राशि/लग्न वालों की सबसे बड़ी विशेषता ये होती है कि ये सभी छोटे बड़े मामलों में फैसला  गुण दोष और लाभ हानि जानकर की लेते है  अब चाहे  बाजार से सब्जी ही क्यों न खरीदना हो .......!!

💗  ये लोग किसी भी नए कार्य का आरंभ  करने या साहसिक कार्य को करने से पूर्व गहन चिंतन , मनन और योजनाएं बनाते है........!!
इसी कारण इनके फैसले कई बार बिलम्बित हो जाते है और समय रहते ये सोचते ही रह जाते है ....!!

💗  ये लोग सामान्यतः किसी का विरोध नहीं करते  वह इसलिए नही  की ये लड़ नहीं सकते  अपितु  इसलिए क्यों कि ये किसी भी झगड़े पचड़े में पड़ना नहीं चाहते  इन्हें अपने मे मस्त रहना अच्छा लगता है .....!!

💗  द्विस्वभाव राशि/लग्न वाले जातकों की सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये परेशानियों से बहुत जल्दी हताश हो जाते है और निरुत्साहित होकर समस्याओं के आगे शीघ्र ही घुटने टेक देते है और आंसू बहाने लगते है ......!!

❣️❣️  जब लग्न में द्विस्वभाव राशि हो और अधिकांश ग्रह द्विस्वभाव राशि मे स्थित हों तो जातक अधिक संवेदनशील , चंचल,  झगड़ालू ,  अस्थिर विचारों वाले , निरुत्साहित , आलसी ,  भविष्य के स्वप्न में जीने वाले  होते है.........!!

💗  ये लोग कभी भी अपनी संकल्प शक्ति का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाते अतः अधिकतर भविष्य के स्वप्न देखते है जिनका कोई  निश्चत उद्देश्य नहीं होता ....!!

किसी भी कार्य में तभी तत्पर होते है जब आवश्यकता की कठोर चाबुक इनमे पड़ती  है ...!!

💖 इन्हें अपने अधीन किसी को कार्य कराने की अपेक्षा दूसरों के अधीन कार्य करना अधिक सही लगता है ...!!

💖  यदि ये स्वयं का कार्य करें तो किसी सहायक या partner की आवश्यकता रहती है जो इनका सहयोग कर सके ....!!

ये लोग सदैव आराम या विश्राम करना पसंद करते है तथा इनमे आगे बढ़ने की कमीं पाई जाती है . ...!!

🎈  जब जन्म कुंडली में अधिकांश ग्रह द्विस्वभाव राशियों में स्थित होकर पीड़ित हों तो जातक मुख्यतः तंत्रिका तन्त्र, फेफड़ों , हाथों , श्वशन  तंत्र , की बीमारियों से पीड़ित होता है ......!!

❣️❣️ यदि द्विस्वभाव राशि/ लग्न वालों के जन्मकालीन ग्रह सशक्त है तो ये एक साथ कई कई व्यवसाय  करते है  और सफल होते है...!!

🎈  द्विस्वभाव राशियों में अधिकांश ग्रह सशक्त रूप से  स्थित होने पर जातक कमीशन एजेंट , लिपिक, शिक्षक , सम्पादक या अच्छा वक्ता होता है .......!!

🎈   ये लोग ऐसे व्यवसाय अपनाते है अथवा उन कंपनियों में कार्यगत होते हैं जहां जनता की  उपयोगी वस्तु का सीधे रूप से निर्माण होता है अथवा वह कार्य जो इन्हें  सीधे जनता से जोड़ता है ...!!

💗💗 ज्योतिष शास्त्र का सही उपयोग अपनी विशेषताओं और कमियों को जानकर समय विशेष में अपने जीवन का सही प्रबंधन करना है ताकि हम जीवन मे अच्छे और बुरे समय का सर्वोत्तम उपयोग कर सकें जिससे हमें कम से कम हानि हो और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सकें 
............!!!!

                             शेष अगली बार ..................!!!

❣️ अगली बार   :-......... निष्फल राशियाँ कौनसी  होती है और इनके क्या प्रभाव होते है .............!!

❣️  कुछ आसान , आवश्यक और सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म  पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहों का सहयोग तथा  सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम । सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है .................!!!


❣️❣️ Aacharya Upendra S Bhatt                                 
                    
Whatsapp No ::--  9414204610

"Works at  advanced  &  practical Astrology"

{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति

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