कारकांश लग्न तथा कारकांश कुंडली से फलादेश (karkansh kundli prediction )
कारकांश लग्न :-
कारकांश लग्न जैमिनी ज्योतिष की महत्त्वपूर्ण लग्न है। ये व्यक्ति के कैरियर , प्रसिद्धि तथा शिक्षा के विषय में बताती है ।
जन्म कुंडली में सर्वाधिक अंशों वाला ग्रह आत्मकारक ग्रह कहलाता है ।
आत्मकारक ग्रह नवमांश कुंडली में जिस राशि में स्थित होता है ,वह राशि ही कारकांश लग्न कहलाती है ।
-कारकांश कुंडली बनाने की विधि :-
कारकांश लग्न राशि को आधार मानकर उसमें लग्न कुंडली के ग्रहों को स्थापित किया जाता है ,वही कारकांश कुंडली कहलाती है ।
कारकांश कुंडली से फलादेश :-
मेष राशि :- यदि कारकांश लग्न में मेष राशि हो, तो जातक को चूहे तथा बिल्लियों से हमेशा हानि का सामना करना पड़ता है ।
वृष राशि :- वृष कारकांश लग्न वाले जातकों को चार पैरों वाले पशुओं से हमेशा लाभ होता है । जातक को दुग्ध व्यवसाय से लाभ होता है ।
उन्हें उत्तम वाहन सुख मिलता है उनके पास कोई न कोई चार पहियों वाला वाहन अवश्य होता है ।
मिथुन राशि:- यदि कारकांश लग्न में मिथुन राशि हो तो व्यक्ति समान्यतः स्थूल (मोटा) होता है उसे त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ रहती है ।
कर्क राशि :- आत्मकारक यदि कर्क नवांश में होतो व्यक्ति को कुष्ठ रोग , स्किन एलर्जी रहती है व पानी से हमेशा डर रहता है ।
सिंह राशि :- कारकांश लग्न में सिंह राशि हो तो जातक को हिंसक पशुओँ से खतरा रहता है ।
इनके जीवन मे बड़ी वाहन दुर्घटना का भय रहता है । इनके जीवन में हमेशा अस्थिरता रहती है ।
कन्या राशि :- इन्हें अग्नि से भय रहता है।
ये त्वचा विकार तथा मोटापे से ग्रस्त होते है , इनकी अभिरुचि संगीत में होती है ।
तुला राशि :- यदि कारकांश लग्न में तुला राशि हो तो जातक एक व्यवसायी होता है । वस्त्र निर्माण , प्रमुख पेशा हो सकता है ।
वृश्चिक राशि :- रेंगने वाले जीवों , कीटों से भय , किसी भी प्रकार के विष से भय तथा माता के सुख में कमीं रहती है ।
धनु राशि ;- धनु राशि कारकांश लग्न में हो तो व्यक्ति को ऊंचाई से गिरने का भय रहता है , ये लोग कार्य क्षेत्र में बार बार हानि पाते हैं।
मकर राशि;- कारकांश लग्न में मकर राशि हो तो
जातक को जल से सम्बंधित व्यवसाय में लाभ होता है ।
इन्हें गठिया , बड़े घाव अथवा ट्यूमर होने का भय रहता है ,जलीय जानवरों से जीवन को खतरा रहता है ।
कुम्भ राशि :- कुम्भ राशि कारकांश लग्न में हो तो जातक धार्मिक कार्यो में संलग्न रहता है ।कुओं का निर्माण , तालाब बनवाना आदि , इन्हें जल से भय रहता है ।
मींन राशि :- कारकांश लग्न मींन होने पर जातक धर्म पालन , सिद्धांतों का पक्का , तथा मोक्ष प्राप्त करने वाला होता है ।
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