सोमवार, 13 जुलाई 2020

कारकांश कुंडली और कैरियर ( karakamsha lagna career)


 कारकांश कुंडली और कैरियर 
karakamsha lagna career
कारकांश कुंडली और कैरियर   karakamsha lagna career

कारकांश कुंडली  जैमिनी ज्योतिष  की महत्त्वपूर्ण कुण्डली है ,जिससे जीवन के सभी पहलूओं के साथ साथ मुख्य रूप से व्यवसाय ( career) और शिक्षा के विषय में विचार करते हैं।बारे में विचार किया जाता है ।


कारकांश लग्न (कारकांश कुंडली) निर्माण :-

जन्म कुंडली में सर्वाधिक अंशों वाला ग्रह आत्मकारक ग्रह कहलाता है ।
 आत्मकारक ग्रह  नवमांश कुंडली में जिस राशि में स्थित होता है ,वह राशि ही कारकांश लग्न राशि कहलाती है ।

कारकांश लग्न को आधार मानकर जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों को राशिगत रूप से स्थापित किया जाता है,
तो कारकांश कुंडली निर्मित होती है ।



 कैरियर और कारकांश कुंडली :-

 1) सूर्य  यदि कारकांश लग्न में  स्थित हो और शुभ ग्रहों से दृष्ट  हो तो व्यक्ति  सरकारी कार्य अथवा सरकार से संबद्ध कार्य करता है और सरकार से लाभ प्राप्त करता है ।
जातक गणितज्ञ तथा वेदों का जानकार शिक्षक अथवा उपदेशक होता है।

 2)  पूर्ण चंद्रमा  यदि कारकांश लग्न में  और  शुक्र हो अथवा चंद्रमा पर शुक्र की दृष्टि हो तो व्यक्ति सभी सुखों को प्राप्त करता है और अपने ज्ञान ,विद्या ,बुद्धि अथवा प्रतिभा से धनोपार्जन  करता है ।
व्यक्ति साहित्यकार , भौतिकी का जानकार होता है ।


 3)  मंगल यदि कारकांश लग्न में स्थित हो तो  व्यक्ति कैमिकल का कार्य, धातु  , बिजली का कार्य ,  अग्नि से सम्बंधित कार्य , शल्य चिकित्सक , होटल व्यवसाय ,इंजन या वाहन चालक या न्याय व्यवस्था से सम्बंधित कार्य करता है ।

4)  बुध यदि  कारकांश लग्न में  हो तो व्यक्ति व्यवसाय करने वाला , शिल्पी (मूर्तिकार) , हस्त कला में दक्ष , अपने हुनर से कार्य करने वाला , कपड़ा बनानेवाला या कपडा व्यवसायी , ज्योतिषी , मुनीम , मीमांसक होता है ।

 5)  गुरु  यदि कारकांश लग्न में स्थित हो तो विद्वान , अधयापक , ज्योतिषी, बैंक या मैनेजमेंट से सम्बंधित कार्य करने वाला , राजमंत्री, कर्मकांडी, व्यवहारकुशल और  कर्तव्यनिष्ठ होता है ।

6)  शुक्र कारकांश लग्न में  स्थित हो तो  सरकारी कर्मचारी , राजनीतिज्ञ, कलाकार , कवि , अनेक भाषाओं का जानकार होता है ।

 7)   शनि  यदि कारकांश लग्न में हो तो व्यक्ति बहुत बड़ा  प्रसिद्ध कार्य करने वाला  , पैतृक व्यवसाय करने वाला तथा अपने कार्य क्षेत्र में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाला प्रसिद्ध  व्यक्ति  होता है ।

 8) राहु यदि कारकांश लग्न में  हो तो जातक  डॉक्टर , विषैली दवाओं का प्रयोग करने वाला , औषधि विक्रेता, डाँकू, चोर ,या भारी मशीनों से सम्बंधित कार्य करने वाला  यंत्र विशेषज्ञ होता है।

 9) केतु  यदि कारकांश में  हो तो व्यक्ति सूक्ष्म यंत्रों का जानकार , हाथी से सबंधित व्यवसाय , अंक गणित का जानकार , रेल निर्माण का कार्य  करता है ।



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कारकांश लग्न कुंडली में दशम भाव पर ग्रहों की दृष्टि का प्रभाव :- 

 राहु , सूर्य, शुक्र की दृष्टि  सरकारी नौकरी अथवा राजकीय कार्य क्षेत्र  से सम्बंधित कार्य में ले जाती है ।
बुध की दृष्टि एक सफल बड़ा व्यापारी बनाती है ।

गुरु की दृष्टि कृषि , पशुपालन अथवा शिक्षा से सम्बद्ध कार्यों की ओर ले जाती है 



🔺 जैमिनी ज्योतिष के फलित सिद्धान्त 1100 सूत्रों में संकलित  है जो  पाराशर ज्योतिष से भिन्न है  और बहुत ही advanced, है जो  आधुनिक परिवेश में  prediction  को बहुत  ही सटीक बनाते है ।
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           Aacharya Upendra Shekhar Bhatt

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