गुरुवार, 30 जनवरी 2020

🌊 जल तत्व राशियाँ ::-【 कर्क , वृश्चिक , मीन】 ( व्यक्ति का स्वभाव , प्रकृति , रोग तथा कर्म क्षेत्र का निर्धारण)

💧 जल तत्व राशियाँ ::-【 कर्क , वृश्चिक , मीन】
( व्यक्ति का स्वभाव , प्रकृति , रोग तथा कर्म क्षेत्र का निर्धारण)

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🦋 तत्वों के आधार पर समस्त भचक्रीय राशियो को चार वर्गों में विभक्त किया गया है वह है अग्नि , पृथ्वी , वायु और जल ..

प्रत्येक वर्ग  व्यक्ति के शरीर , मन , आध्यात्मिक और मानसिक स्तर तथा व्यक्ति की विशेषताओं को बताता है तथा अन्य वर्ग से व्यक्ति को अलग करता  है ....
आइए इस भाग में जल तत्व राशियों / लग्न वाले जातकों की प्रकृति , स्वभाव और चारित्रिक विशेषताओं  , रोग और व्यवसाय के विषय में  समझते है ...

💦  जलतत्व राशियाँ सफल प्रकृति तथा व्यक्तित्व को बताती है जल तत्व राशियाँ गहन  कल्पनाशीलता तथा तीव्र बुद्धि का प्रतिनिधित्व करती है  जातक में प्रकृति के प्रति प्रेम , आकर्षण तथा अदभुत अंतर्ज्ञान होता है 

💧 ऐसे जातक आलौकिक  प्रवृतियों की ओर शीघ्र बोध और आकर्षित होते है तथा साधनापूर्ण जीवन जीने को तत्पर्य रहते है ..,
ये लोग अच्छे समालोचक भी होते है ,किसी भी स्थिति अथवा विषय पर सूक्ष्म त्रुटि और लाभ को गहनता से विश्लेषित कर लेते है ..
जलतत्व राशियाँ जातक को कमजोर शारीरिक  क्षमता तथा क्षीण शारीरिक प्रकृति देती है...

💦यदि किसी के लग्न में जलतत्व राशि हो अथवा चन्द्रमा जलतत्व राशि मे हो  तो जातक शर्मीला ,  कोमल ,आत्मविषयी , दार्शनिक , अतिरिक्त सूक्ष्मग्राही , साहस के साथ  स्पष्ट बोलने वाला ,  रोमांटिक जीवन जीने को सदैव तत्पर , शारीरिक रूप से शक्ति की कमी का अनुभव करनेवाला होता है ...

💧 जलतत्व लग्न/राशि वाले जातक किसी से भी बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते है तथा ये स्वयं को किसी भी  परिस्थिति अनुसार बहुत जल्दी  ढालने की क्षमता भी रखते  है ...

🌊 यदि किसी के लग्न में जलतत्व राशि हो और वहाँ जलतत्व ही  ग्रहों का प्रभाव हो  तो व्यक्ति  बहुत अधिक भावुक , स्वप्नवत जीवन जीने वाला , अस्थिर विचारो वाला , डरपोक ,ओर  किसी भी कार्य के प्रति अक्षम तथा  विमुख होता  है ।

🌊  यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली मे अधिकांश ग्रह जलतत्व राशि मे हो तो जातक उस व्यवसाय की ओर आकर्षित होता है । जिसमे जल प्रमुख घटक हो
नाविक , मछुआरे , जहाज निर्माता ,  जलपान के निर्माता तथा व्यापारी ,  समुद्री व्यवसाय , जल सेना , तथा सभी कार्य जिसमे शुद्ध जल से मद्य तक सम्मिलित है ..................!!

💦  जब जन्म कुंडली में अधिकाँशत ग्रह  जलतत्व राशियाँ में स्थित होकर  पीड़ित हों  तो जातक कई बीमारियों का शिकार होता है ..

💧 जन्म कुंडली में जलतत्व राशियाँ के पीड़ित होने पर व्यक्ति रक्त की कमी , कमजोर पाचन क्षमता , मूत्र सम्बन्धित तकलीफे , मौसम का शीघ्र प्रभाव , कमजोर ह्दय की धड़कन , देती है

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💙  इसके अतिरिक्त अन्य राशियो में स्थित ग्रह तथा भाव विशेष के संबंधं भी अपने अपने प्रभाव के अनुसार  जातक को प्रकृति , क्षमता , योग्यता को प्रभावित करते है तथा अपने क्षेत्र विशेष की ओर आकर्षित करते है ............!!

🦋  कई कई स्तरों पर जन्म पत्रिका का गहन अध्ययन तथा विश्लेशण  करने के पश्चात  हम किसी भी व्यक्ति  के जीवन से जुड़ी सभी स्थितियों को देख भी सकते है और विश्लेषित भी कर सकते हैं तथा आवश्यकतानुसार  उचित सलाह एवं मार्गदर्शन के साथ आवश्यक उपाय बता सकते है ...................!!!

💧  कुछ आसान , आवश्यक और सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म  पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहो का सहयोग और कुछ सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम । सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है ................!!
          
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                🦋 Aacharya  Upendra S. Bhatt     
                            
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("Works at  advanced  &  practical Astrology")

हिन्दू वैदिक ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष ,जैमिनी ज्योतिष , ताजिक पद्धति 
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