गुरुवार, 29 अप्रैल 2021

सरल योग (saral vipreet raj yoga in hindi)


सरल योग (saral vipreet raj yoga in hindi)


ज्योतिष  में  कुंडली के 6 8 12 भावों  को अशुभ भाव  माना जाता 

कुंडली में जब 6 8 12 भावों के स्वामी ग्रह 6 8 12  भावों में स्थित होते है तो कुंडली में क्रमशः हर्ष , सरल तथा विमल विपरीत राजयोग  विपरीत राजयोग बनता है।



सरल योग 


 सरल योग:- जब कुंडली के  8 th house का स्वामी 6  8 या 12 वें भाव में से किसी भी भाव में स्थित हो तब सरल विपरीत राजयोग का निर्माण होता है..



 सरल योग के लिए आवश्यक शर्ते:- 


जन्म कुंडली में छटे अष्टम तथा द्वादश (6 8 12 ) भावों  पर तथा इनके भावेशों  पर पाप प्रभाव होना आवश्यक है 


पत्रिका में छटे अष्टम तथा द्वादश (6 8 12 )भाव तथा इन भाव में स्थित राशियों के स्वामी ग्रह  के ऊपर किसी प्रकार से  योगकारक ग्रहों का प्रभाव( दृष्टि , युति) भी नहीं होना चाहिये...




सरल योग के फल कैसे निर्धारित होते है :-


भारतीय  ज्योतिष में 6 8 12 भावों की त्रिक भाव माना गया है तथ ये मान्यता है कि इनके प्रभाव तथा परिणाम अशुभ होते है ..

जन्म कुंडली में -


छटा भाव (6th house) :-  रोग , शत्रु , ऋण, विपत्ति, जख्म , निंदा , चोरी, युद्ध का होता है 


   आठवां भाव (8th house):-  मृत्यु , वैराग्य , कष्ट , झगड़ा,  मुसीबत ,  नाश , राज्यकोप ,  अंग भंग , शल्य क्रिया , गुप्त रोग का भाव होता है 


  बारहवाँ भाव (12th house):-  व्यय भाव है  जो खर्चे , सभी  प्रकार की हानि  ,धन नाश ,  कैद , बंधन , जन विरोध , शरीर हानि , गरीबी , अधिकार नाश , पद अवनति देने वाला भाव 

 होता है 


लेकिन जब अष्टम भाव (8 house)का स्वामी ग्रह इन्ही भावों 6 8 12 , में से किसी भी भाव में स्थित होगा तो अष्टम भाव (8th house) से सम्बन्धित सभी अशुभ फलों का नाश होगा जो जातक को मिलने वाले होंगे


अतः माना जाता है कि जब अष्टम भाव के कष्टकारक भावों  के स्वरुप में कमी होगी तब इनके प्रभावों तथा परिणामों में कमी आएगी तो सरल विपरीत राजयोग  का निर्माण होगा । 




सरल योग के परिणाम


  जब सरल योग कारक ग्रह की दशा या अंतरदशा आती है तो जातक के समक्ष सभी  स्थितियां विपरीत होती हैं 

सरल योगकारक ग्रह की दशा/अंतरदशा  जातक को जुझारू , आत्मबली  और संघर्षशील बनाती है ..

वास्तव में जातक के समक्ष ये समय अपनी योग्यता साबित करने का होता है  !!


इस समय जातक अपने संघर्ष से  अपनी योग्यता के अनुरूप कठिनाइयों , चुनौंतियों  का सामना करता है और विपरीत स्थितियों से लड़कर  अपना रास्ता स्वयं निर्मित  करता है ...


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