रविवार, 19 जनवरी 2020

👨‍❤️‍💋‍👨 प्रेम सम्बन्ध (Love & Relationship)

❣️  प्रेम सम्बन्ध 

(Love & Relationship)


💗LOVE..!! 💑 SEX..!! DHOKHA..!!     

(अनुसंधान परक और व्यवहारिक ज्योतिषीय विश्लेषण)

💝 विश्वास सभी प्रकार के सम्बन्धों का आधार होता है । जब हम वैवाहिक जीवन  , विवाह पूर्व  सम्बन्धों अथवा Business Relation की बात करते है तो सभी सम्बन्धों में एक दूसरे पर हमारा विश्वास ही सम्बन्धों को बांधे रखता है ।

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में हम एक पुरुष और महिला के मध्य सभी प्रकार के प्रेम सम्बन्धों को जन्म कुंडली के विश्लेषण के माध्यम से देख सकते है कि :--

❣️  जिससे हम प्रेम करते है अथवा विवाह करने जा रहे हैं । क्या वह वास्तव में हमें उतना ही प्यार करता है  अथवा करेगा जितना हम  करते है........?? 

❣️ कहीं वह हमारी भावनाओं से धोखा तो नहीं करेगा ..?

❣️ क्या वह हमारी परवाह(caring person) करने वाला हमारा ख्याल रखने वाला है ...?

❣️  क्या वह जीवन के हमेशा मेरा ऐसे ही साथ देगा ...??

❣️ क्या उसके जीवन मे सिर्फ में ही हूँ  न....!!
कहीं कोई और तो नहीं है ....?

❣️ क्या मेरा साथी एक विश्वास के योग्य है जिस पर पूरा भरोसा किया जा सकता  है ...??

❣️  क्या मेरे साथ सम्बन्धों  में मुझे किसी भी प्रकार का धोखा तो नहीं मिलेगा ....??

❣️ क्या सम्बन्धो में मेरा शारीरिक और भावनात्मक या मानसिक  शोषण तो नहीं होगा ...??

👨‍❤️‍💋‍👨  आदि अनगिनत जितने भी सवाल Relationship को लेकर आपके मन में है उन सभी के बारे में हम जान भी सकते है और समय रहते उन सभी स्थितियों से  स्वयं को संभाल भी सकते है ..................!!

💗   सबसे प्रमुख बात विवाह पूर्व सम्बन्धों अथवा  Live in Relationship( जो कम समय के लिए होते है )  के लिए जन्म कुंडली में कुछ विशेष स्थितियाँ तथा ग्रहों के सयोंग होते है जिनका विश्लेषण जन्म कुंडली में बहुत ही विशेष तरीक़े से किया जाता है.....!

💝  वहीं विवाह के पश्चात सम्बन्धों के लिए अथवा business Relation, के लिए जन्म कुंडली मे सभी स्थितियाँ भी अलग अलग होती है और उन सम्बन्धों का विश्लेषण भी अन्य प्रकार से किया जाता है ..............!!

❣️❣️  जन्म कुंडली मे विवाह से पूर्व सम्बन्धों में विश्वास,    प्रेम ,  शारीरिक स्तर पर प्रेम , सम्बन्धों में धोखा और सम्बंध विच्छेद (Love,  physical Relation,  cheating  &  Break up) के लिए विशेष भाव और ग्रह उत्तरदायी होते है .......!!

🎈  जब कि हम विवाह के पश्चात के सम्बन्धो में  प्रेम , विश्वास , अनैतिक सम्बन्ध ,  सौतन (Mistress) , तलाक , सम्बन्ध विच्छेद की बात करते है तो स्थितियाँ भी अलग होती है। और जन्म कुंडली के विशेष भाव और सयोंग भी अलग होते है ....!!


💝   भारतीय आधुनिक ज्योतिष पद्धति तथा कई कई शोधों तथा अनुसंधानों के आधार पर हम आज इस स्थिति में है कि:-


🌹🌲  ""किसी भी जन्म कुंडली मे किसी भी विषय पर किसी भी हद तक कुछ भी देख सकते है , विश्लेषित  कर सकते है और सही समय रहते उसका सकारात्मक उपयोग और सही  प्रयोग कर भी कर सकते है"".......!!


💗   यदि हम विवाह पूर्व सम्बन्धों की बात करें तो कुछ विशेष  स्थितियाँ जन्म कुंडली मे बनती है जो हमें प्रेम करने को विवश करती है  तथा  सूचित करती है कि हमारे प्यार का भविष्य या परिणाम क्या होगा .........!!


💗  और यदि परिणाम हमारे पक्ष में नहीं दिख रहा तो हमें अभी क्या करना चाहिए  ताकि इस परिणाम से हमारे भविष्य पर कोई आक्षेप या नकारात्मक प्रभाव न हो ...........................!!!!


💗  यदि आप Relationship में है , किसी से प्रेम करते है या प्रेम सम्बंध स्थापित करने जा  रहे / रही हैं तो ये अवश्य जान लें कि आपके सम्बन्धों का भविष्य कैसा होगा  ..............................!!


.
❣️  यदि आपकी जन्म कुंडली में पंचम भाव का सम्बन्ध द्वितीय , पंचम , सप्तम ,  नवम  अथवा एकादश भावो में से अधिकांश भावों से  है तो  आपका प्रेम सच्चा और विश्वस्त
प्रेम है और आपको सच्चा तथा विश्वस्त प्रेम ही मिलेगा .....!!


❣️    प्रेम सम्बन्धों  के समय यदि पंचम भाव या पंचमेश जब दशा अंतरदशा में विशेष रुप से अष्टम भाव अथवा द्वादश भाव से  सम्बन्ध बना रहा है तो ये प्रेम सम्बन्ध शारीरिक स्तर पर  भी होना बताता है  ......!!!


💝💖   जब दशा अंतरदशा में तीनों भाव ( पंचम , अष्टम , द्वादश )  सम्मिलित रूप से दोहराए जा  रहे है तो आपके प्रेम सम्बन्ध आपकी बदनामी , लोकनिंदा , तनाव  तथा    परेशानियों का कारण बनते है ......!!!


❣️    जब अशुभ स्वभाव वाले ग्रह सप्तम भाव के साथ इस सयोंग में सम्मिलित होते है तो ये स्थिति आपके साथ सम्बन्धों में धोखा  (Cheating)  होना बताती है .....!!!


💗   कुछ बहुत ही विशेष सयोंगों के साथ जब शुक्र  सप्तम भाव तथा अशुभ ग्रहों के साथ  सम्मिलित होता है तो  ये स्थिति  शारीरिक शोषण , संबंधों में धोखा , यौन उत्पीड़न को  बताती है ....!!!


💗 . राहू , केतु , सूर्य ,शनि में से कोई भी ग्रह जन्म कुंडली में  कुछ विशेष भावों के साथ जब पंचम भाव के साथ भी सम्बन्ध बनाते है तो सम्बन्धित दशा अंतरदशा में ये प्रेम सम्बन्धों की सामाप्ति को सूचित करता  है .........!!


❣️   जन्म कुंडली मे  हमेशा सकारात्मक और नकारात्मक योग सयोंग सम्मिलित रूप से एक साथ प्रभावी होते है .......!!


🌲  कभी भी किसी भी शुभ भाव में शुभ ग्रह या अशुभ भाव मे शुभ/ अशुभ ग्रह स्थित  होना उन भावों के शुभ या अशुभ परिणाम की गारंटी नहीं होता ........!!


💗  क्योंकि बिना सम्पूर्ण कुण्डली विश्लेषण  न तो त्रिकोणेश ही सदा शुभ होता है और न ही त्रिक भाव (6 , 8 , 12  भाव ) ही सदा अशुभ होते है ........!!!


                              शेष अगली बार 
..............!!!!

      आगे :- ---------------------------------!!!!


❣️  आपके साथी की जन्म कुंडली मे कौनसे सयोंग है जो उसे विश्वास के योग्य बनाते है .......!!

❣️   साथी की जन्म कुंडली में वे कौनसी स्थितियाँ है जो उसको धोखेबाज होना बताती है ..........!!

❣️ कुण्डली में कौनसे सयोंग है जो सूचित करते है कि साथी के जीवन मे आपके अलावा भी कोई और भी है .......!!

❣️  जन्म कुंडली मे कोनसे योग होते है जो multiple Relations  को बताते है.....!!

❣️❣️ और भी बहुत कुछ जो किसी की भी सोच , मानसिकता , विचारधारा , स्वभाव , क्रिया - प्रतिकिया , मानसिक प्रवृति , को बताता है 
.......................!!

❣️   आपको फिर एक बार बता दें कि ज्योतिष शास्त्र का व्यवहारिक उपयोग सिर्फ सुनहरे कल के लिए  आज किया गया प्रबंधन (Management) है ....!!


❣️     यदि आप सोचते है कि कल मेरा समय आएगा या कोई  ज्योतिषीय चमत्कारी उपाय मेरे कल को अच्छा बना देगा तो  आपकी जिंदगी गुजर जायेगी उस रेगिस्तान में बैठकर ये सोचते हुए  कि कोई लहर आयेगी और मेरा जीवन संवर जाएगा ......!!


🌲 कुछ लोग किस्मत लेकर पैदा होते है और कुछ लोग अपनी किस्मत खुद बनाते है ............!!!


❣️  जब व्यक्ति प्रयास करना बंद कर देता है तब उसके नाकामयाबी की शुरुआत होती है .............!!!


❣️ Aacharya  Upendra  S. Bhatt                                  
                    
Whatsapp No ::--  9414204610

("Works at  advanced  &  practical Astrology")

(हिन्दू वैदिक ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष ,जैमिनी ज्योतिष ,  ताजिक पद्धति)     

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