नवमांश कुंडली में प्रेम विवाह के योग :-
(love marriage yog in navmansh kundli)
नवमांश कुंडली ( navmansh kundli )लग्न कुंडली के बाद देखी जाने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण वर्ग कुंडली होती है।
नवमांश कुंडली (navmansh kundli ) जन्म कुंडली के सप्तम भाव (7th house) का विस्तृत सूक्ष्म रूप है ,जो सप्तम भाव से मिलने वाले सभी शुभ और अशुभ परिणामों को सूक्ष्मता से तथा विस्तृत रूप से विश्लेषित करती है ..।
नवमांश कुंडली लग्न कुंडली के वास्तविक परिणामों का उदबोधन तो करती ही है साथ ही व्यक्ति के विवाह, दाम्पत्य सुख , विवाह के प्रकार तथा सभी वैवाहिक स्थितियां के विषय में भी बहुत ही सूक्ष्मता तथा गहनता से बताती है ..
आइये आज हम समझते है नवमांश वर्ग कुंडली में वह कौनसे योग संयोग तथा ग्रहीय स्थितियाँ होती है जो प्रेम विवाह के योग (love marriage yog in navmansh kundli) बनाती है ..
💞 नवमांश कुंडली में प्रेम विवाह के योग :-
(love marriage yog in navmansh kundli)
लव मैरिज (love marriage) के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण भाव जन्म कुंडली के द्वितीय भाव (2nd house). पंचम भाव (5th house) , सप्तम भाव (7th house) तथा एकादश भाव (11th house) होते है..
👉 द्वियीय भाव :- कुटुम्ब परिवार में वृद्धि , संग्रहण को बताता है जो विवाह के पश्चात पति/पत्नी के रूप में एक सदस्य की परिवार में बढ़ने का भाव है ।
👉 पंचम भाव :- प्रेम का भावनाओं का उमंगों का , दोस्ती (frisndeship) का भाव है ..
👉 सप्तम भाव :- विवाह का , सहभागिता का
👉 एकादश भाव :- समस्त इच्छापूर्ति का भाव होता है ..
👉 शुक्र मुख्य रूप से प्रेम , सेक्स, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण का , चन्द्रमा भावनाओं का उमंगों का तथा राहु उन सभी सीमाओं के उलंघन को बताता है जिसमे जातक/जातिका सीमाओं तथा नियमों के विरुद्ध किसी से प्रेम करता है तथा उसी से विवाह करने के लिए तत्पर (बाध्य) होता है ...
💞 नवमांश कुंडली में प्रेम विवाह के योग :-
(love marriage yog in navmansh kundli)
📍लग्न कुंडली में अथवा नवमांश वर्ग में पंचम भाव अथवा पंचमेश राहु , चन्द्रमा अथवा शुक्र से सम्बंधित हो तथा नवमांश वर्ग में पंचमेश केंद्र अथवा त्रिकोण या एकादश भाव में स्थित हो तो जातक अपने प्रेम मार्ग पर चलने तथा स्थिर रहने को बाध्य होता है ..
📍 नवमांश वर्ग में शुक्र तथा चन्द्रमा केंद्र अथवा त्रिकोण भाव से सम्बंधित हों तो व्यक्ति के सफल प्रेम विवाह की सम्भवनाये बढ़ती है ..
📍लग्न कुंडली का सप्तमेश नवमांश वर्ग में 6 8 12 भाव में , अपनी नीच राशि में स्थित अथवा अस्त नहीं होना चाहिए..
ये असफल प्रेम का सूचक है
📍नवमांश वर्ग का लग्नेश तथा सप्तमेश नवमांश वर्ग में ही अपनी स्व राशि, उच्च राशि अथवा मित्र राशि में स्थित होकर केंद्र अथवा त्रिकोण भाव में स्थित होना जातक की इच्छापूर्ति से विवाह कराते है ..
शत्रु राशि मे स्थित होना प्रेम विवाह में सफलता को कमजोर करता है ..
📍नवमांश वर्ग में नवमांश कुंडली के लग्नेश , पंचमेश , सप्तमेश तथा एकादशेश नवमांश वर्ग कुंडली में केंद्र अथवा त्रिकोण में है तो जातक /जातिका सफल प्रेम विवाह (love marriage) करता ही है
📍नवमांश वर्ग में यदि लग्न कुंडली के 2 5 7 11 भाव के स्वामी केंद्र तथा त्रिकोण में हो तो जातक/ जातिका अपनी मर्जी से विवाह करते है..
📍 नवमांश वर्ग में लग्न कुंडली के द्वितीयेश,पंचमेश , सप्तमेश तथा एकादशेश( 2 5 7 11th lord) 6 8 12 भावों में , नीच राशि में नहीं होने चाहिए ये प्रेम तथा विवाह विच्छेद के सूचक है..
💞 सबसे महत्त्वपूर्ण love + arrange marriage का सूत्र है नवमांश वर्ग कुंडली में नवमांश वर्ग के लग्न , पंचम , सप्तम (1,5,7) से गुरु (jupiter) का सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण , पारिवारिक सहमति से सफल love marriage को बताता है ...
● कुंडली में पतिव्रता पत्नी योग :-
जन्म कुंडली जीवन का स्कैन है ,जिसमें सभी अच्छे या बुरी स्थितियों को देखा जा सकता है .......!!
ज्योतिष शास्त्र का सर्वोत्तम व्यवहारिक उपयोग यही है कि हम आज ..!
आने वाले कल के लिए जीवन का बेहतरीन प्रबन्धन (management) कर सकें ..........!!
Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
Whatsapp No:-- 9414204610
"Works at advanced & practical Astrology"
{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system ( वर्षफल पद्धति )
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