⭕ रूचक योग (ruchak rajyog) रूचक योग का फल:-
● जन्म कुंडली में कैसे बनता है रूचक योग
● रूचक योग का फल
● कब मिलते है रूचक योग के फल
● लग्न में बने रूचक योग के फल
● चतुर्थ भाव में बने रूचक योग के फल
● सप्तम भाव मे बने रूचक योग के फल
● दशम भाव में बने रूचक योग के फल
● निष्कर्ष
⭕ जन्म कुंडली में कैसे बनता है रूचक योग (ruchak rajyog)
जन्म कुंडली में जब मंगल केंद्र स्थान (1 4 7 10 भाव) में अपनी स्व राशि मेष या वृश्चिक में अथवा अपनी उच्च राशि मकर में स्थित हो तो कुण्डली में रूचक पंच महा पुरुष योग का निर्माण होता है ...!!
⭕ रूचक योग का फल :-
वैदिक शास्त्रों में रूचक योग में पैदा होने वाला जातक शारीरिक रूप से मज़बूत शरीर वाला , आकषर्क व्यक्तित्व वाला , साहसी , शूरवीर तथा बली , शत्रुओं का नाश करने वाला अभिमानी तथा अपनी भुजाओं से धन प्राप्त करने वाला होता है ..
ऐसा जातक राजा के समक्ष उच्च पदासीन, सेनापति अथवा उच्च पदाधिकारी होता है उसके गुणों के कारण उसकी प्रसिद्धि तथा कीर्ति दूर दूर तक होती है ..
⭕ कब मिलते है रूचक योग के फल:-
वैदिक दृष्टिकोण से जब मंगल केंद स्थानों में अपनी स्व राशि अथवा उच्च राशि में 1:6 से अधिक षड्बल मान के साथ स्थित हो तथा किसी भी स्वाभाविक अशुभ ग्रह और त्रिक भावों से सम्मिलित सम्बंधित ना हो तो ..
कुंडली में बना रूचक योग पूर्ण रूप से प्रभावी होता है तथा जातक मंगल की दशा अथवा अंतरदशा में रूचक योग के सम्पूर्ण फल प्राप्त करता है ...
आइये गहनता तथ सूक्ष्मता से समझते है अलग अलग केंद्र स्थानों (1 4 7 10 भावों) में बना रूचक योग कब जीवन के किस किसी क्षेत्र में शुभ तथा कब किन किन क्षेत्रो में अशुभ फल देता है ..
⭕ लग्न में बने रूचक योग के फल :-
यदि लग्न में रूचक योग का निर्माण होता है तथा शुभ ग्रहों तथा भावेशों से सम्बंधित है तो जातक उत्तम स्वास्थ्य , दीर्घायु , मजबूत कद काठी वाला, मांसल शरीर वाला , सुंदर देह वाला होता है .......!!
📍 लग्न में स्थित मंगल का विशेष शुभ ग्रह तथा शुभ भावों से सम्बद्ध होने पर ये अच्छे खिलाड़ी बनते है जो अपनी मजबूत शारीरिक क्षमता तथा आंतरिक बल से खेल जगत में अपना कौशल दिखाते है ...!!
📍 लग्न में बना रूचक योग दशम तथा एकादश भाव से सम्बंधित होने पर व्यक्ति राजनीति में सफलता प्राप्त करता है..
📍लग्न में रूचक योग के साथ कुंडली में चिकित्सक (doctor) बनने के योग होने पर व्यक्ति सफल सर्जन , कैंसर रोग विशेषज्ञ होता है ..
जब लग्न में बने रूचक योग का सम्बंध सम्मलित रूप से 6 8 भावों से होता है तो जातक कई कारणों से तनाव ( depression) तथ आक्रामक व्यक्तित्व का शिकार होता है .....!!
👹 यदि मंगल यहां स्थित होकर अशुभ ग्रहो के प्रभाव में हो और 6 8 12 भावो से भी सम्बन्ध बनाता है तो जातक ऐसी बीमारियों का शिकार हो जाता है जिसकी उसे जीवन पर्यन्त चिकित्सा लेनी पड़ती है व्यक्ति बार बार दुर्घटना होना अंग भंग होना , चोट लगना , हड्डी टूटना जैसी परेशानियों का शिकार होता है..
⭕ चतुर्थ भाव में बने रूचक योग के फल :--
📍 चतुर्थ भाव मे बना रूचक योग जातक को पूर्ण मातृ सुख , खुश मिजाज , प्रफुल्लित बनाता है इसकी पहचान सभी वर्गों के लोगों में होती है , इनकी लोगों में अच्छी पैठ होती है , जातक की अच्छे लोगों से दोस्ती होती है ...!!
यदि यहाँ स्थित मंगल शुभ भावों से सम्बद्ध हो तो जातक कई बड़ी बड़ी सम्पत्ति का मालिक होता वह अपने भुज बल से सम्पत्तियां प्राप्त करता है
📍 चतुर्थ भाव में बना रूचक योग जब त्रिकोण भाव से सम्बंधित हो तो जातक अच्छी तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करता है ...!!
👹 यदि यहाँ स्थित मंगल का सम्बंध 6 8 12 भावों से होता है तो रूचक योग के प्रभाव बहुत कमजोर तथा नकारात्मक हो जाते है
यदि विशेष स्थिति में 6 8 12 भावों के साथ जब यहाँ अशुभ / अलगाववादी प्रभाव भी हो तो ये सम्पत्ति का नुकसान , मुकदमे में सम्पत्ति की क्षति, वाहन की चोरी, वाहन दुर्घटना , माता के स्वास्थ्य में गिरावट , सन्तान से मन मुटाव , सन्तान से दूरी भी तथा सन्तान हानि भी देता है .....!!
⭕ सप्तम भाव मे बने रूचक योग के फल : --
📍 कुण्डली के सप्तम भाव मे बना रूचक योग शुभ भावों से सम्बद्ध है तो जातक को सुंदर , आकर्षक व्यक्तित्व , सुशील , प्रेम करने वाला/ वाली भरोसेमंद जीवन साथी देता है......
इनका विवाह शीघ्र हो जाता है तथा ये पूर्ण वैवाहिक सुख पाते हैं .
सप्तम में बना रूचक योग व्यवसाय में एक भरोसेमंद साझेदार ( business partner देता है )
📍 जन्म पत्रिका में जब सप्तम भाव मे बने रूचक योग का सम्बन्ध विदेश यात्रा के योगों से होता है तो ये विदेशी व्यवसाय के लिए की गई यात्रा , विवाह तथा वैवाहिक सम्बन्ध हेतु की गई यात्रा , किसी प्रशिक्षण हेतु की गई सरकारी या गैर सरकारी यात्रा होती है ....!!
😈 सप्तम भाव में बना रूचक योग यदि अशुभ ग्रहों के साथ त्रिक भावों ( 6 8 12 ) से भी सम्मिलित सम्बद्ध हो तो व्यक्ति आक्रामक प्रवृति का होता है , लड़ना झगड़ना , दुर्घटना में चोट लगना जैसी स्थितियाँ उसके जीवन में बनी रहती है
सप्तम भाव में रूचक योग नकारात्मक होने पर कठिनाइयां , परेशानियों भरा वैवाहिक जीवन , वैवाहिक जीवन में अलगाव , partnership में धोखा , जबरन यौन उत्पीड़न, बिना मर्जी से बने यौन सम्बन्धो की पुष्टि करता है.
(सटीक , गहन कुंडली विश्लेषण तथा परामर्श के लिए सम्पर्क करें :-whatsapp no - 9414204610)
⭕ दशम भाव में बने रूचक योग के फल:-
📍 दशम में रूचक योग त्रिकोण भावो से सम्बंधित होकर जातक को उत्तम स्वास्थ्य तथा दिघायु बनाता है ..
📍 दशम भाव मे बना रूचक योग छठे तथा एकादश भाव से सम्बंधित होकर व्यक्ति को उच्चाधिकारी , सफल व्यवसायी , नेता , प्रतिष्टित बनाता है
व्यक्ति अपनी मेहनत तथ भुजबल से समाज मे उच्च स्थान पाता है ..
📍शास्त्रों में माना गया है कि दशम में बैठा मंगल "कुलदीपक योग" बनाता है व्यक्ति विलक्षण प्रतिभा का धनी होता है जातक को सभी दिशाओं में कीर्ति तथा प्रसिद्धि होती है .
👹 दशम में बैठा मंगल वैवाहिक जीवन में समस्तप्रद होता है ..
विवाह विच्छेद के सम्बन्धो में ये आधिकारिक रूप से विवाह विच्छेद की पुष्टि भी करता है ..
⭕ निष्कर्ष:-
रूचक पंच महापुरुष योग के प्रभाव तथा परिणाम कुंडली के अन्य भावों के मिलने से शुभ तथा अशुभ होते है ।
अतः सभी ग्रहों के सम्बन्ध , प्रभाव , बल के निर्धारण के आधार पर ही रूचक योग के शुभ तथा अशुभ फल जातक को मिलते है
💞 ज्योतिष शास्त्र का सर्वोत्तम व्यवहारिक उपयोग यही है कि हम अपने जन्मकालीन ग्रहों के अनुसात आज ..!
आने वाले कल के लिए जीवन का बेहतरीन प्रबन्धन (management) कर सकें ..........!!!
Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
Whatsapp No ::-- 9414204610
"Works at advanced & practical Astrology"
{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system ( वर्षफल पद्धति )
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