मंगलवार, 14 जनवरी 2020

❣️चर राशियों वाले व्यक्ति के गुण, प्रवृति तथा विशेषताएं :-

🌹🌹 चर राशियाँ ::-
(1 ,4 ,7 ,10 )【 मेष , कर्क , तुला , मकर 】

जातक का व्यक्तित्व ,  विशेषताएँ , गुण ,  प्रवृति , रोग तथा  कर्म क्षेत्र का निर्धारण .....
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💗 चर राशियाँ  उद्यम , उत्साह , शक्ति सामर्थ्यऔर आगे बढ़ने की प्रवृति को दर्शाती है । यश की चाहत ,लोकप्रियता तथा योजनाओं की पूर्ति के साथ अल्प समय मे उन्हें पूर्ण करने की योजना चर राशियो वाले जातकों का विशिष्ट गुण होता है ।

💗 चार राशि वाले जातक जीवन मे सदैव ही परिवर्तन और संशोधन को पसंद करते है ।
चर राशि व्यस्त व्यक्तियों , श्रेष्ठ व्यवसायियों और मार्गदर्शक को सूचित करती है । जो अपनी क्षमता और सामर्थ्य के अनुसार  अनेक विषमताओं का सामना करके भी  उन्नति करते है और अग्रणी बने रहते है !!

💗  चर राशि वाले जातक स्वतंत्र प्रकृति के तथा अपने अधिकार के प्रति जागरूक होते हैं , ये न तो दूसरों की निर्भरता को पसंद करते है न ही किसी  अन्य के संरक्षणI में कार्य करना ।
ऐसे जातक साहसी ,शूरवीर और हठी प्रवृति के होते है ।
💗 यदि लग्न में चर राशि  पीड़ित हो तो  सिर , आमाशय , किडनी को प्रभावित करती है । जातक के सिरदर्द , दौरे ,  मस्तिष्क ज्वर ,  आमाशय में समस्या, किडनी की शिकायत ,  सिर अथवा घुटनो में चोट लगना आदि दे सकती है ।
जन्म पत्रिका में चर राशियाँ पीड़ित होने पर अल्पकालीन तीक्ष्ण बीमारियां देती है और कोई निशान भी नही छोड़ती ।

❣️  जब जन्म कुण्डली में लग्न में चर राशि हो तथा साथ ही जन्म कुण्डली में अधिकांश ग्रह चर  राशियों  मे हो तो ये दर्शाता है कि जातक उच्च पद को प्राप्त करेगा  चाहे व्यवसाय हो नौकरी हो या राजनीति का क्षेत्र हो !!!
जातक उन सभी कार्यों को अपनाता है जिनमे  गति और तीव्रता हो , जहां बुद्धि चातुर्य , कौशल  सूक्ष्म विचार तथा राजनीतिक दक्षता की आवश्यकता हो !!


🎈  चर राशि वाले जातक  साधन संपन्न और सावधान होते है  तथा विचारो को शीघ्र ही आत्मसात कर लेते है । उद्यमी तथा कर्मठ होने के कारण सफलता के लिए अपने प्रयासों में कोई कमी नही छोड़ते !!
ऐसे जातक तब तक संतुष्ट नही होते जब तक कि जिस उद्यम का वह अनुसरण कर रहें है उसमें वे सबसे अग्रणी  नहीं हो जाते !!


🌺  12 राशियाँ , 12 ग्रह  (9 ग्रह प्रत्यक्ष तथा 3 ग्रह अप्रत्यक्ष रूप से)  ओर 12 भाव  अपनी विशेष स्थिति तथा संबंधों के आधार पर किसी भी भाव से मिलने वाले परिणामो को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से निर्धारित तथा प्रभावित करते है ।


🌺 जिन्हें हम लग्न कुंडली के अतिरिक्त ,  अन्य प्रमुख लग्नों , प्रमुख वर्ग कुंडलियों  , संबंधित अष्टक वर्गों , राशि/ भाव अर्गला , विशेष वर्ष कुण्डली , समय विशेष की दशा , अंतरदशा ,गोचर सभी का एक साथ गहनता से कई कई स्तरों सम्मलित विश्लेशण करके ही देख सकते है !!


🌺  क्योकि जन्म कुंडली मे जैसा दिखता है वैसा कभी नही होता और जो होता है वह तो बहुत ही गहराई में ही छिपा है जिसे निकालना  गहन कुण्डली विश्लेषण से ही संभव होता है !!

🌹 कुछ आसान , आवश्यक तथा सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म  पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहो का सहयोग और कुछ सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम । सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है ....................!!!!!!

   💝 Aacharya Upendra  S.  Bhatt 
                              
   Whatsapp No ::--  9414204610
Works at advanced & scientific Astrology

{ Expert in  :-- हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष (adv. K. P . System) और ताजिक System ( वर्षफल पद्धति) }

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