सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

💜 जन्म कुंडली में व्यवसाय और नौकरी के योग :-

 जन्म कुंडली में व्यवसाय तथा नौकरी के योग :-


सामान्यतः ये माना जाता है कि लग्न कुंडली में  किसी विशेष  ग्रह की किसी भाव मे स्थिति अथवा कुछ विशेष ग्रहों की विशेष भावों में युतियां हमारे किसी विशेष व्यवसाय या नौकरी के क्षेत्र को सूचित करती है .......!!

जैसे :- 

 दशम भाव पर मंगल+ शनि की युति इंजीनियर बनाती है....!!

    या मंगल का दशम भाव में होना या किसी विशेष ग्रहों/ भावेशों के साथ  दृष्टि - युति सम्बन्ध बनाना डॉक्टर बनाता है.....!!

    चतुर्थ भाव मे उच्च का या स्व राशि का मंगल भूमि से सम्बंधित कार्य की ओर ले जाता है .....!!

    मजबूत शुक्र चतुर्थ भाव में वाहनों से सम्बंधित कार्य क्षेत्र देता है .........!!

 सूर्य दशम भाव मे बैठकर सरकारी नौकरी  के लिए वचनबद्ध है.......!!


 लेकिन हम आपको बता दें कि ये सब बातें निराधार , बिल्कुल बेबुनियाद और अव्यवहारिक  है जो किसी भी पुख्ता बात को कभी भी सूचित नहीं करती और वास्तविकता से कोसों दूर होती है ............!!!

   जब किसी जातक की जन्म पत्रिका में इंजीनियर  बनने के लिए आवश्यक मापदंड पूर्ण होंगे तभी जातक इंजीनियर बनता है ....!!

  या किसी की जन्म कुंडली एक चिकित्सक बनने की  सम्पूर्ण  स्थितियाँ होंगी तभी कोई व्यक्ति  डॉक्टर बनता है .....!!

  अथवा जब लग्न कुण्डली के साथ सभी वर्गों में  रोजगार के क्षेत्र के रूप में भूमि या वाहन से सम्बध्द कार्य करने के  सभी आवश्यक मापदंड पूरे होते हैं तभी वह इन क्षेत्रों से सम्बंधित कार्य करता  है .....!!!


जन्म कुंडली में व्यवसाय और नौकरी के योग :-


 जब हम एक चिकित्सक (Doctor)  बनने के लिए जरूरी मापदंड देखते है तो जन्म पत्रिका में निम्न बातें देखना बहुत आवश्यक होता है कि:--


1)जातक की जन्म कुंडली में एक लम्बी और उच्च शिक्षा के साथ अच्छी शिक्षा के संयोग होना बहुत ही जरूरी है ..!

 2) इनके साथ हमें जन्म पत्रिका में शिक्षा के क्षेत्र में उन सयोंगों को भी देखना है जो चिकित्सीय शिक्षा के हो अथवा  चिकित्सक (Surgeon) बनने के लिए ही आवश्यक होते हैं ...!

 3) जन्म कुण्डली में उस समय विशेष में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण करने के सशक्त योग हो जब जातक इसकी तैयारी कर रहा हो .....!!

 4) इन सभी के साथ जन्म कुण्डली में एक अच्छा और सशक्त आजीविका का  कार्य क्षेत्र होना आवश्यक है जो चिकित्सा के क्षेत्र को बताता हो.....!!

 अब यदि ये सभी शर्ते जातक की जन्म कुंडली के साथ सभी वर्गों में पूरी होती है तभी कोई जातक चिकित्सक बनता है .......!!!


 आजीविका का चुनाव और निर्धारण एक लम्बी और सतत व्यवस्था होती है जो जीवन के कई कई पड़ावों से होकर गुजरती है और रोजगार के क्षेत्र का निर्धारण करती है ....!!


ये सभी  बातें सिर्फ लग्न कुंडली में  एक दो या तीन ग्रहों के किन्ही भावों से सम्बन्ध से कभी भी नहीं देखी जा सकती ......!!


   एक सशक्त और स्पष्ट रोजगार के क्षेत्र का निर्धारण जन्म पत्रिका के सभी बारह भाव और ग्रह  विभिन्न भावों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सम्बंधित होकर ही तय करते है  जिन्हें सभी वर्गों में आवश्यक रूप से देखा जाना चाहिए.....!!


  जन्म कुंडली के सभी बारह भाव अपना विषेश महत्त्व भी रखते है जो सभी ग्रहों से विशेष सम्बन्धित होकर रोजगार के क्षेत्र , दिशा तथा आजीविका से सम्बंधित सभी स्थितियों को निर्धारित करते है ....!!!


 राहू और केतु अधिकांशतः हमारे जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में बहुत बडी भूमिका तय करते है ...!!


यदि ये सकारात्मक है तो जीवन संवर भी जाता है और व्यवस्थित निर्धारित भी हो जाता है और नकारात्मक है तो लगभग सभी क्षेत्रों में जातक संघर्ष ही करता रहता है ....!!


 आजीविका के निर्धारण में अधिकांशतः हमारे कर्म क्षेत्र की दिशा और दशा राहू और केतू  के द्वारा भी निर्धारित होती है ....!!


ये परिणाम देने के अपने विशेष नियमों के कारण जीवन की गाड़ी को पटरी से उतार भी देते है और नए ट्रेक का निर्माण भी कर देते है......!


  जन्म कुंडली के सभी भाव रोजगार के क्षेत्र के निर्धारण में अपना विशेष महत्त्व भी रखते है और अन्य भावों/ भावेशों से सम्बंधित होकर अपना महत्त्व , अर्थ , और कार्य क्षेत्र भी बदल देते है .........!!


  कैसे होता है "जन्म कुंडली में व्यवसाय और नौकरी के क्षेत्र का निर्धारण" :


 उदाहरण स्वरूप :- 

3 rd house ( तृतीय भाव) भारतीय ज्योतिष शास्त्र में  पराक्रम , पुरुषार्थ , परिश्रम , अभिरुचि , छोटी यात्राओं , का माना जाता है ....!!!

  अब यदि हम ये मानें  कि तृतीय भाव का आजीविका के घरों से सम्बन्ध जातक को अपने पराक्रम से परिश्रम से धनाजर्न कराता है.......!!

 तो बात में स्पष्टता भी नहीं है और कोई मतलब भी नहीं निकलता   क्यों कि न तो इससे हमें हमारे कार्य क्षेत्र की दिशा का पता चलता है  ना ही रोजगार की किसी भी स्थिति का और न ही कर्म क्षेत्र से सम्बंधित किसी भी बात का ....!!


 क्योंकि सामान्यतः सभी अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से ही धनार्जन करते है .....!!!


 लेकिन वहीं तृतीय भाव बहुत सारे रोजगार के क्षेत्रों का निर्धारण करता है और सभी क्षेत्रों में  3 rd house का अलग अलग महत्त्व भी होता है  साथ ही जन्म कुंडली के अन्य भावों से सम्बंधित होकर तीसरे भाव के अर्थ , मायने और का प्रयोग भी अलग अलग हो जाते  है.....!!

  एक विमान चालक (pilot) की जन्म कुंडली मे तृतीय भाव यात्रा का सूचक है जब कि एक सेल्स या मार्केटिंग के क्षेत्र में कायर्गत जातक की कुंडली में विक्रय क्षेत्र को बताता है ....!!

 एक लेखक की कुंडली मे तृतीय भाव लेखन क्षमता और योग्यता को सूचित करता है । और संगीतज्ञ की कुंडली मे गायन/वाद्य यंत्र बजाने को भी ....!!

  अब बिना 3 rd house के सहयोग के न आप " I T profession"  में जा सकते है और न ही मीडिया मल्टी मीडिया के क्षेत्र में , न ही विक्रय व्यवसाय  अथवा  विदेशी व्यवसाय में....


शिक्षक , भूमि की खरीद फरोख्त , Architect , accounts , film line , Journalist , Artist , सभी क्षेत्र तृतीय भाव से ही सम्बन्धित है और निर्धारित भी है ......!!


 लेकिन सभी क्षेत्रों में 3 rd house का प्रयोग भी अलग होता है और तृतीय भाव कुण्डली के अन्य विशेष भावों से सम्बन्धित होकर  ही निर्धारित करता है कि आप पायलट बनेंगे या एक लेखक या  Architect या artist या मीडिया के क्षेत्र में जायेंगें  या इसने सम्बन्धित क्षेत्रों में अपना कोई व्यवसाय करेंगे.......!!


  तृतीय भाव व्यवसाय के क्षेत्र में आपकी कार्य क्षमता  के साथ व्यवसाय की दिशा (आपको क्या व्यवसाय करना चाहिए) और आपके प्रयासों को भी बताता है ....!!


  जन्म कुंडली मे आजीविका की सभी स्थिति को देखना बहुत ही गहन स्तरीय विश्लेषण से ही सम्भव होता है... .!!

(D - 1 , D -2 , D - 3 , D - 4 , D - 7 , D - 9 , D - 10 , D -11 , D - 16 , D - 24 ,  charts)

  प्रमुख वर्ग कुंडलियाँ  तथा  सर्वाष्टक वर्ग, गुरुव अष्टक वर्ग , बुध अष्टक वर्ग , प्रमुख अष्टक वर्ग है साथ ही कारकांश लग्न , आरूढ़ लग्न , जिनके द्वारा आजीविका के निर्धारण में सभी स्थितियों को देखा जाना चाहिए ......!!

💜  सही समय पर यदि हम अपने कार्य क्षेत्र की दिशा और स्थिति के बारे में जान सके तो  समय रहते अपनी सभी क्षमताओं और योग्यताओं का सम्पूर्ण उपयोग कर पाएंगे .......!!

      शेष अगले भाग में ..........

                                  अगले भागों में ...........

 कार्य क्षेत्र में समस्याएं तथा सही व्यवहारिक समाधान  (Practical solution) .............!!!!

  रोजगार के क्षेत्र में ज्योतिष शास्त्र का बेहतरीन उपयोग /प्रयोग.....!!

कोनसा व्यवसाय (Business) का क्षेत्र  आपके लिए सर्वाधिक लाभदायक होगा .....!!


 Aacharya Upendra S. Bhatt                                           

               Whatsapp No:- 9414204610


"Works at  advanced  &  practical Astrology"

{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति )

2 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. भावचलित कुंडली में ग्रहों की स्थिति को इसमें किस तरह से समाविष्ट करेंगे।
      मनीष दुबे, ज्योतिष पारंगत,

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