बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

सन्तान प्राप्ति के योग || ज्योतिष में सन्तान योग (santan yoga) संतान सुख

 सन्तान प्राप्ति  के योग ,  संतान का जन्म ,  संतान सुख :--




सन्तान प्राप्ति  के योग || ज्योतिष में सन्तान योग (santan yoga)
 


भारतीय संस्कृति में सोलह प्रमुख संस्कारों में से एक संस्कार  गर्भधारण संस्कार माना गया है ..............!!!


हिन्दू शास्त्रों में पुत्र का जन्म मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है ......!!

👪 भारतीय आधुनिक ज्योतिष में हम पति पत्नी दोनों की जन्म कुंडलियों के गहन विश्लेषण के द्वारा संतान के जन्म से सम्बंधित सभी स्थितियों को देख सकते हैं ....

                     .       ...तथा  जन्म पत्रिका के अनुसार सन्तान सुख में बाधा देने वाले कारणों को जानकर आवश्यकतानुसार उनका चिकित्सकीय परामर्श तथा ज्योतिषीय समाधान प्राप्त कर संतान सुख प्राप्त  भी प्राप्त कर सकते है ......!!

👩‍👦  बच्चे के जन्म  अथवा सन्तान प्राप्ति से सम्बंधित स्थितियों को देखने के लिए बच्चे के माता पिता दोनों की जन्म पत्रियोँ का अध्ययन और विश्लेषण बहुत आवश्यक होता है .............!!!


🌈  इनमे बच्चे की माँ की जन्म कुंडली बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है  क्यो कि  पिता का कार्य तो एक बार बीजारोपण करना होता है लेकिन माँ नौ माह तक भ्रूण को अपने गर्भ में पालती है तथा गर्भधारण से लेकर शिशु के जन्म तक विभिन्न स्थितियों तथा परिस्थितियों से गुजरती है  तदुपरान्त सन्तान का जन्म होता है .....!!!

👩‍👦  सन्तान के जन्म से सम्बंधित स्थितियों को जन्म कुंडली में देखने मे सबसे प्रमुख बात है शिशु की माता  का गर्भ धारण (conceive) करना और नौ माह का गर्भधारण काल दोनो ही बहुत  महत्त्वपूर्ण होते है .........!!


🤰 गर्भधारण करना जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों और विशेष भावों के सयोंगों के आधार पर ही निर्धारित होता है  तथा  गर्भ धारण काल के समय माता की जन्म कुंडली के ग्रह एवम  उस समय की दशा अंतरदशा बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है ..!!

🤰  क्यो कि गर्भ धारण काल मे होने वाली  जटिलताएं (complications ),  शिशु का गर्भ में विकास ,  शिशु का वजन ,  गर्भ में शिशु का स्वास्थ्य , माता का स्वास्थ्य , निश्चित समय पर बच्चे का  जन्म होना सभी कुछ माँ की उस समय विशेष की दशा अन्तरदशाये ही निर्धारित करती है .....!!!

🌹💁  यहाँ हम ज्योतिष शास्त्र की मदद से गर्भ धारण के समय और गर्भधारण काल की सभी स्थितियों को देख सकते है  तथा किसी भी प्रकार की जटिलता होने पर समय रखते  आवश्यक समाधान भी कर सकते है ताकि निश्चित समय पर  एक स्वस्थ तथा किलकारी भरते हुए  बच्चे का जन्म  हो सके ............!!

👰 आइये ज्योतिष की दृष्टि से जन्म कुंडली मे सन्तान के जन्म से सम्बंधित योग संयोगों के बारे में समझते है जो बच्चे के जन्म को सुनिश्चित  करते  तथा सन्तान के जन्म से सम्बंधित सभी समस्याओं अथवा जटिलताओं के बारे में हमें सूचित करते  है ......!!

🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀

         (www.astroupendra.com)


👩‍👦   जन्म कुंडली का पंचम भाव संतान का भाव होता है ।

जब पंचम भाव का सम्बन्ध  द्वितीय , पंचम , नवम , अथवा एकादश भाव मे से अधिकांश भाव से होता है तो ये सन्तान के जन्म को सुनिश्चित करता है ......!!!

👩‍👦 जन्म कुंडली के पंचम तथा एकादश भाव मे फलदाई राशियाँ हो और पँचमेश भी फलदाई राशि मे हो तो संतान सुख की सभी सम्भवनाये सकारात्मक होती है .....!!

👩‍👦  देव गुरु बृहस्पति सन्तान के कारक माने गए है यदि गुरु ब्रहस्पति दशा अंतरदशा में है तो पंचम भाव से सम्बन्ध न होने पर भी सन्तान का जन्म करा देते है ..........!!

🦋 बशर्ते सन्तान प्रतिबंधित घरों से सम्बन्ध न रखते हों........!!


🌹   सप्तमांश वर्ग कुण्डली ( D - 7 chart) पंचम भाव के सूक्ष्म परिणामो का विस्तृत रूप होती है .........!!

📍 यदि लग्न कुंडली मे सन्तानोत्पात्ति की सम्भवना कमजोर है परन्तु संप्तमांश वर्ग में सन्तान के जन्म के प्रबल योग बनते  है तो सन्तान का जन्म होना सुनिश्चित होता है .....!!

🌹🌹   वहीं यदि लग्न कुंडली मे सन्तानोत्पात्ति के कितने भी प्रबल योग क्यों न हो यदि D -7 chart में  सन्तान उत्पत्ति की सम्भवनाये नहीं है तो संतान नहीं होगी .......!!

🌍 जैमिनी दृष्टि से  पंचम एवं नवम भाव की मजबूत अर्गला सन्तान देती ही है ..!!

🌍 नाड़ी ज्योतिष के अनुसार 2 5 11 , 2 5 9 11, 5 11 , 5 9 11 का संयोग  जितनी बात दशा अंतरदशा में दोहराया जाता है सन्तान सुख तथा सन्तान प्राप्ति में वृद्धि होती है ..

👩‍👦  सर्वाष्टक वर्ग और गुरुव अष्टक वर्ग के स्वतंत्र विश्लेषण के द्वारा हम सन्तान सुख से सम्बंधित सभी स्थितियों को देख सकते है ...............!!


💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗

❣️  यदि आप अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण कराना चाहते है , child Birth( सन्तान सुख) से सम्बंधित किसी भी स्थिति पर जानकारी चाहते हैं अथवा  जीवन के किसी भी विषय पर सटीक भविष्य कथन के साथ सही सकारात्मक  मार्गदर्शन और आवश्यक उपाय जानना चाहते है  तो सम्पर्क कर सकते है  ............


  Cell/Whatsapp no:- 9414204610 

💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗

🍁 अगले भागों......!!


💙 आधुनिक और शोधपरक विश्लेषण सन्तान जन्म तथा सन्तान सुख;-            

🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀


1)🍀  जन्म कुंडली मे कौनसे योग - सयोंग है जो सन्तान के जन्म को नकारते है .........!!


2)🍀  जन्म कुंडली मे कौनसी स्थितियाँ  हैं  जो बांझपन( infertility),  कम शुक्राणु  तथा  कम गुणवत्ता शुक्राणुओं को (nil sperms counts ) को बताती हैं ......!!


3)🍀   निसन्तान दम्पत्तियों को कब कृत्रिम गर्भाधान की  कोनसी तकनीकी पर जाना चाहिए ( IUI ,or IVF or  ICSI )...में से .....!


4)🍀  जन्म कुंडली मे कौनसी स्थितियाँ दुर्घटनावश बार बार गर्भपात कराती है ......!


5)🍀  जन्म कुंडली मे कौनसे सयोंग  स्वयं की मर्जी से गर्भपात कराने को बताते है .........!!


6)🍀  कौनसे सयोंग गर्भधारण काल मे दुर्घटनाएं कराते है .......!!!


7) 💞   माता पिता की जन्म पत्रिका में  कब और कोनसे योग - सयोंगों में जुड़वा बच्चों (TWIN'S CHILD)  का जन्म  होता हैं ..........!!


8)❣️ 🏃🚶  कब बच्चे के गोद लेने (adoption)  के योग बनते है और बच्चे की कुंडली मे कोनसे सयोंग गोद  बताते है .....


.🍁 सामान्यतः  ये धारणा है कि जन्म कुंडली मे केतु , मंगल , राहु या नीच अथवा अस्त ग्रह  पंचम भाव मे होने पर सन्तान के जन्म में बाधक होते है अथवा जटिलतायें कराते है .................!!

 जी नही  ये सभी बेबुनियाद और बिल्कुल निरर्थक बातें है...!!


  जटिलतायें गुरु , शुक्र चन्दमा अथवा पंचम में बैठा उच्च राशि का कोई भी ग्रह भी अपने समय में करा सकते है तथा वहीं...................


......... राहु , केतु , मंगल , सूर्य , शनि भी सामान्य delivery  के साथ स्वस्थ शिशु का जन्म करा सकते है .


🍀  जन्म कुंडली मे न कोई एक ग्रह और न ही कोई भी एक भाव कभी भी किसी घटना को जन्म  देते है ...........!!


💜 Aacharya Upendra S. Bhatt 

          (www.astroupendra.com)

                   Whatsapp no:- 9414204610                           

"Works at  advanced  &  practical Astrology"

{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति) 


🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spam link in tha comment box.

close