जन्म समय संशोधन (Birth Time Rectification) :--
जन्म समय संशोधन क्या है ?
जन्म समय संशोधन की आवश्यक क्यों होती है ?
जन्म समय संशोधन कैसे किया जाता है ?
जन्म समय संशोधन क्या है .?;-
जन्म समय संशोधन (birth time rectification) एक शुद्ध ज्योतिषीय सिद्धान्तों पर आधारित वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिससे जातक के अस्पष्ट अथवा अनुमानित जन्म समय के द्वारा सही और सटीक जन्म समय जाना जाता है ।
जन्म समय संशोधन की आवश्यक क्यों होती है ?
जब किसी जातक को स्वयं के एकदम सही जन्म समय के विषय में न पता हो या सिर्फ अनुमानित जन्म समय की जानकारी हो तथा प्राप्त जन्म समय के आधार पर निर्मित कुंडली के आधार पर जीवन की सभी मुख्य स्थितियां , भविष्य कथन तथा भूतकाल की घटनाएं ( past life) सही या सटीक अथवा क्रमबद्ध तरीके से सही नहीं आ रही हो ,तो हमें जन्म समय संशोधन( Birth Time Rectification) की आवश्यकता पड़ती है ।
ताकि सही जन्म समय का पता लगाकर सही जन्म पत्रिका का निर्माण हो सके जिसके आधार पर सही और सटीक भविष्य कथन (prediction) किया जा सके !
आज 90% लोगों के जन्म समय मे कुछ मिनिट से घंटो तक का अंतर होता ही है , इसलिए अनभिज्ञ जन्म समय से जन्म कुंडली का निर्माण भी गलत होता है तथा उस आधार पर समस्त भविष्य कथन भी सही नहीं हो पाता ।
अधिकांशतः ये देखा जाता है कि जातक को अपने सही जन्म समय की सटीक जानकारी नहीं होती सिर्फ अनुमान होता है। व्यक्ति को सिर्फ इतना पता होता है ,कि उसका जन्म समय इन 20 से 30 मिनिट के मध्य हुआ है ।
और जातक अंदाज से ही अपनी जन्म कुंडली बनवाकर दिखाता रहता है
और जब इस जन्मसमय के आधार पर भविष्यकथन (prediction)
किया जाता है तो कई बार भविष्य फल और वास्तविकता में जमीन आसमान का अंतर आ जाता है ।
बहुत बार देखा जाता है कि जन्म पत्रिका में बहुत अच्छे अच्छे योग तथा संयोग होने के बाद भी जीवन स्तर सामान्य से अधिक ऊपर नहीं उठ पाता , जातक को बताया जाता है, कि ये सुखद समय चल रहा है जब कि वास्तविकता में ये समय कठिनाइयों और मुसीबतों का होता है, अतः इस स्थिति में जन्म समय संशोधन (Birth Time Rectification) के द्वारा सही जन्म समय जान कर जीवन की सही स्थिति को जांच कर सही भविष्य कथन किया जा सकता है ।
जन्म समय संशोधन कैसे किया जाता है :-
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में इस समस्या के समाधान के लिए तथा सही जन्म समय प्राप्त करने के लिए कई प्राचीन और आधुनिक ज्योतिष पद्धतियाँ है ।
सामान्यतः कोई भी लग्न लगभग 2 घंटे में बदलती है, लेकिन जब लग्न न बदले तब सामान्यतः सही ओर सटीक भविष्य कथन (prediction) कर पाना बहुत कठिन हो जाता है ।
जब कि इन्हीं 2 घंटे में कई बहुत बड़े और कई बहुत ही सूक्ष्म परिवर्तन हो जाते है जो जीवन की कई घटनाओं और परिणामो के साथ जीवन की दिशा और दशा तक को बदल देते हैं..
वैदिक ज्योतिष पद्धति :-
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में हम प्रत्येक वर्ग कुंडली के सूक्ष्म और सटीक विश्लेषण से जीवन की भूतकाल में (past life) घटित सभी मुख्य घटनाओं और जीवन मे अलग अलग क्षेत्र विशेषों में मिले परिणामों के आधार पर इसका हल निकाल सकते है और सही जन्म समय का पता लगाकर सही दिशा में सटीक भविष्य कथन (prediction ) कर सकते हैं .
प्रत्येक लगभग 13 मिनिट में नवमांश वर्ग ( D-9 chart ) , 12 मिनिट में दशमांश वर्ग (D-10 chart ), 10 मिनिट में द्वादशांश वर्ग (D-12 chart) , 5 मिनिट में चतुर्र विशांश वर्ग (D-24 chart) , 4 मिनिट में त्रिशांश वर्ग (D- 30 ) बदल जाते है ।
ये सभी वर्ग कुंडलियां हमारे जीवन के सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रो तथा विषयो के बारे में सूक्ष्म और सटीक जानकारी देते है जो कुछ मिनिटों के अंतर में होने वाले परिवर्तन को भी स्पष्ट बताते है,
अतः जातक के जीवन के स्तर , क्षेत्र विशेष में स्थिति और सम्बन्धित घटनाओं के विषय मे सभी वर्गों के विश्लेषण से हम सूक्ष्म जानकारी प्राप्त कर उन्हें अपने जीवन मे घटित सभी घटनाओं से क्रमबद्ध मिलान कर सही जन्म समय के विषय में जान सकते है
नाड़ी ज्योतिष ( कृष्णमूर्ति पद्धति):-
जब जीवन की किसी समय विशेष में घटित बहुत ही सूक्ष्म घटना और स्थिति को समझते की बात आती है तो
नाड़ी ज्योतिष पद्धति (कृष्णमूर्ति पद्धति ) इस समस्या का बिल्कुल सटीक समाधान कर सकती है
नाड़ी ज्योतिष पद्धति भारतीय ज्योतिष शास्त्र की आधुनिक ज्योतिष पद्धति है ,जो कृष्ण मूर्ति ज्योतिष के सिद्धान्तों पर आधारित है ।जिसमें हम जातक के जीवन में घटित और घटने वाली सभी सूक्ष्म से सूक्ष्म बातों तथा घटनाओं को सटीकता से जान सकते हैंऔर जीवन की सभी प्रमुख घटनाओं के समय का क्रमबद्ध निर्धारण भी कर सकते हैं।
नाड़ी ज्योतिष पद्धति K. P. System पर आधारित नक्षत्र और उप नक्षत्र सिद्धान्तों के आधार पर एक ही लग्न में( लगभग 2 घंटे में ) 20 से अधिक स्थितियों के परिवर्तन का सटीक विश्लेषण करती है जो इस समय में जीवन के सभी क्षेत्रों में हुई घटनाओं को सूक्ष्मता से एक साथ देखती और विश्लेषित करती है
जैसे :- नाड़ी ज्योतिष के अनुसार 5 8 11ओर 5 8 12 का संयोग , ये दोनों स्थितियां कुछ सेकेंड के अंतर पर बदल सकती है
जब कि इनमें एक परिणाम एकदम सकारात्मक प्राप्ति , सफलता को बताते है तथा दूसरा परिणाम बिल्कुल नकारात्मक होने के साथ , हानि , बेइज्जती के साथ सब कुछ समाप्ति को बताता है
नाड़ी ज्योतिष के अंतर्गत जातक के जीवन की पिछली घटनाओं के साथ साथ शासक ग्रहों ( Ruling planets) की मदद से हम सही जन्म समय को जान सकते हैं,
जिसके आधार पर सही और सटीक भविष्य कथन (prediction) किया जा सकता है ।
कुंडली विश्लेषण तथा ज्योतिषीय परामर्श के लिए सम्पर्क करें :- whatsapp no - 9414204610


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