शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

कुंडली में प्रेम योग Love in kundali. Love horoscope , Love astrology

Love in horoscope  Love in kundali Love astrology

Love horoscope



❣️  प्रेम सम्बन्ध       Love in Horoscope


  (अनुसंधान परक और व्यवहारिक विश्लेषण)



 विश्वास सभी प्रकार के सम्बन्धों का आधार होता है । जब हम वैवाहिक जीवन  , विवाह पूर्व  सम्बन्धों अथवा Business Relation की बात करते है तो सभी सम्बन्धों में एक दूसरे पर हमारा विश्वास ही सम्बन्धों को बांधे रखता है ।



भारतीय ज्योतिष शास्त्र में हम एक पुरुष और स्त्री के मध्य सभी प्रकार के प्रेम सम्बन्धों को जन्म कुंडली के विश्लेषण के माध्यम से देख सकते हैं।


  जिससे हम प्रेम करते है अथवा विवाह करने जा रहे हैं । क्या वह वास्तव में हमें उतना ही प्यार करता है  अथवा करेगा जितना हम  करते है........??


कहीं वह हमारी भावनाओं से धोखा तो नहीं करेगा ..?


 क्या वह हमारी परवाह(caring person) करने वाला हमारा ख्याल रखने वाला है ...?
  क्या वह आजीवन हमेशा मेरा ऐसे ही साथ देगा ...??


 क्या उसके जीवन मे सिर्फ में ही हूँ  न....!!कहीं कोई और तो नहीं है ....?


 क्या मेरा साथी एक विश्वास के योग्य है जिस पर पूरा भरोसा किया जा सकता  है ...??


  मेरे अतिरिक्त उसके जीवन में कोई और तो नहीं है जिसका मुझे आभास भी न हो...??


 क्या सम्बन्धो में मेरा शारीरिक और भावनात्मक या मानसिक  शोषण तो नहीं होगा ...??


  आदि अनगिनत जितने भी सवाल Relationship को लेकर आपके मन में है उन सभी के बारे में हम जान भी सकते है और समय रहते उन सभी स्थितियों से  स्वयं को संभाल भी सकते है ..................!!



 💗  Love in kundali , love Horoscope


 जन्म कुंडली मे प्रेम सम्बन्धों में विश्वास,    प्रेम ,  शारीरिक स्तर पर प्रेम , प्रेम सम्बन्धों में धोखा और सम्बंध विच्छेद (Love,  physical Relation,  cheating  &  Break up) के लिए विशेष भाव और ग्रह उत्तरदायी होते है जो इन सभी स्थितियो को जीवन मे निर्मित करते है .......!


 भारतीय आधुनिक ज्योतिष पद्धति तथा कई कई शोधों तथा अनुसंधानों के आधार पर हम आज इस स्थिति में है कि:-


जन्म कुंडली के विश्लेषण के आधार पर जीवन के सभी क्षेत्रों की स्थिति तथा होने वाली घटनाओं को देख कर सकते है और सही समय रहते सभी स्थितियो का सकारात्मक उपयोग और सही  प्रयोग कर भी कर सकते है..


 यदि हम प्रेम सम्बन्धों की बात करें तो कुछ विशेष  स्थितियाँ जन्म कुंडली मे बनती है जो हमें प्रेम करने को विवश करती है  तथा  सूचित करती है कि हमारे प्यार का भविष्य या परिणाम क्या होगा  और यदि परिणाम हमारे पक्ष में नहीं दिख रहा तो हमें अभी क्या करना चाहिए  ताकि इस परिणाम से हमारे भविष्य पर कोई आक्षेप या नकारात्मक प्रभाव न हों ...........................!!!!


  यदि आप Relationship में है , किसी से प्रेम करते है या प्रेम सम्बंध स्थापित करने जा  रहे / रही हैं तो ये अवश्य जान लें कि आपके सम्बन्धों का भविष्य कैसा होगा  ..............................!!




 💗 Love in Horoscope    

  कुंडली मे प्रेम सम्बन्ध

जन्म कुंडली का पंचम भाव हमारी भावनात्मक अभिव्यक्ति , अनुभूति  , प्रेम सम्बंध , अपनी इच्छा से किये गए कार्य , आकर्षण का होता हैजो जन्म कुंडली के अन्य भावों तथा ग्रहों से सम्बंधित होकर जीवन मे अलग अलग भावनात्मक स्थितियो को जन्म देता है ।आइए देखते है, पंचम भाव से कैसे हम जीवन की प्रेम घटनाओं को देखते तथा समझते है।...




💗 सच्चा प्रेम  

   (True Love)


  यदि आपकी जन्म कुंडली में पंचम भाव का सम्बन्ध द्वितीय , पंचम , सप्तम ,  नवम  अथवा एकादश भावो में से अधिकांश भावों से है ,तो  आपका प्रेम सच्चा और विश्वस्तप्रेम है यदि ये संयोग आपकी कुंडली में है तो ,आप सच्चा प्यार करेंगे और यदि आपके साथी की कुंडली में है तो निश्चित ही आपको सच्चा तथा विश्वस्त प्रेम ही मिलेगा .....!!



  प्रेम सम्बन्धों  के समय यदि पंचम भाव या पंचमेश जब दशा अंतरदशा में विशेष रुप से अष्टम भाव अथवा द्वादश भाव से  सम्बन्ध बना रहा है तो ये प्रेम सम्बन्ध शारीरिक स्तर पर  भी होना बताता है  ......!!!



   जब प्रेम सम्बन्धों के समय  दशा अंतरदशा में तीनों भाव ( पंचम , अष्टम , द्वादश )  सम्मिलित रूप से दोहराए जा  रहे है तो आपके प्रेम सम्बन्ध आपकी बदनामी , लोकनिंदा , तनाव  तथा   परेशानियों का कारण बनते हैं । ये समय समाज मे आपके सम्बन्धों के उजागर होने का है, लोगों द्वारा तानें कसना , प्रेम सम्बन्धों के विषय मे बातें बनना, इस समय सभी तरफ होता है अब समय आपके धैर्य और प्रेम की परीक्षा का है .....!!!



   💗 प्रेम सम्बन्धों में धोखा         Cheating in Relationship

    जब अशुभ स्वभाव वाले ग्रह सप्तम भाव के साथ दशा अंतरदशा में  पंचम  तथा द्वादश भावों के साथ लगातार होते हैं, तो ये स्थिति आपके साथ सम्बन्धों में धोखा  (Cheating)  होना बताती है .....!!!


   कुछ बहुत ही विशेष सयोंगों के साथ जब पीड़ित शुक्र , पंचम , सप्तम  , अष्टम तथा द्वादश भाव के साथ अशुभ ग्रहों के साथ  सम्मिलित रूप से लम्बे समय तक दशा अंतरदशा में होता है तो  ये स्थिति  शारीरिक शोषण , संबंधों में धोखा तथा यौन उत्पीड़न को  बताती है ....!!!



💗 अनेक प्रेम सम्बन्ध   

   Multiple Relationship


  गुरु और बुध दशा अंतरदशा में यदि सशक्त प्रेम सम्बन्धों का संयोग बताते है तो मल्टिपल रिलेशनशिप के कारण बनते है



💗 छुपे प्रेम सम्बन्ध     

 Hidden Relationship


 जब जन्म कुंडली मे प्रेम सम्बन्धों के संयोग के साथ चतुर्थ भाव दशा अंतरदशा में बना रहता है तो ये स्थिति छुपे प्रेम सम्बन्धों को बताती है ये सम्बन्ध लम्बे समय तक किसी के भी समक्ष कभी उजागर नहीं हो पाते..



  💗 सम्बन्ध विच्छेद     

    Breakup


  . राहू , केतु , सूर्य ,शनि में से कोई भी ग्रह जन्म कुंडली में जब त्रिक भावों के साथ साथ पंचम भाव से भी सम्बन्ध बनाते है तो सम्बन्धित दशा अंतरदशा में ये प्रेम सम्बन्धों की सामाप्ति( Breakup) को सूचित करता  है .........!!




❣️   जन्म कुंडली मे  हमेशा सकारात्मक और नकारात्मक योग सयोंग सम्मिलित रूप से एक साथ प्रभावी होते है  अतः कोई भी निर्णय बिना सम्पूर्ण कुंडली विश्लेषण के नहीं लिया जाना चाहिए।


पंचम भाव मे बैठे अशुभ ग्रह (राहु , केतु , सूर्य , शनि) भी उतने ही शुभ हो सकते है जितने यहां अपनी उच्च राशि मे बैठे गुरु अथवा शुक्र ..


  बिना सम्पूर्ण कुण्डली विश्लेषण  न तो त्रिकोणेश ही सदा शुभ होता है और न ही त्रिक भाव (6 , 8 , 12  भाव ) ही सदा अशुभ होते है ........!


 आपको फिर एक बार बता दें कि ज्योतिष शास्त्र का व्यवहारिक उपयोग सिर्फ सुनहरे कल के लिए  आज किया गया प्रबंधन (Management) है ....!!


 कुछ आसान , आवश्यक और सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म  पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहो का सहयोग और कुछ सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम । सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है .................!!!


                  Aacharya  Upendra  S. Bhatt                                         
                         Whatsapp No ::--  9414204610
("Works at  advanced  &  practical Astrology")(हिन्दू वैदिक ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष ,जैमिनी ज्योतिष ,  ताजिक पद्धति)   

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