राशियाँ क्या होती है , मेरी राशि कौनसी है ?
🍀 राशि क्या होती है ? :- (WHAT IS Rasi chart )
"राशि" संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ झुंड या समूह से है।
पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने वाले समस्त आकाशीय मार्ग को 12 बराबर काल्पनिक हिस्सों में बांटा गया है। जिसकी पहचान नक्षत्रों तथा तारों के अलग अलग आकृति के समूहों से की जाती है, जिसे राशि कहते हैं।
राशियाँ 12 होती हैं, जिनको अंको के आधार पर भी जाना जाता है ,वह निम्न हैं । :--
1 - मेष 7 - तुला
2 - वृष 8 - वृश्चिक
3 - मिथुन 9 - धनु
4 - कर्क 10 - मकर
5 - सिंह 11 - कुम्भ
6 - कन्या 12 - मींन
प्रत्येक राशि का स्वामी ग्रह है । सूर्य तथा चन्द्रमा को एक एक राशि का आधिपत्य प्राप्त है ,जब कि अन्य 5 ग्रहों ( गुरु , शुक्र , मंगल , बुध , शनि) को दो दो राशियो का स्वामित्व प्राप्त है।
जो निम्न प्रकार है। :-
स्वामित्व राशियाँ
सूर्य - सिंह राशि
चन्द्रमा - कर्क
मंगल - मेष , वृश्चिक
गुरु - धनु , मींन
शुक्र - वृष , तुला
बुध - मिथुन , कन्या
शनि - मकर , कुंभ
🎈 What is my rashi( मेरी जन्म राशि क्या हैं) :-
व्यक्ति के जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में होता है, वह जातक की जन्म राशि कहलाती है। जन्म कुंडली मे राशियों को अंको (Numbers) से सूचित किया जाता है ।जैसे 1 अंक मेष राशि का , 3 अंक मिथुन राशि का तथा 11 अंक कुम्भ राशि के लिए होता है
अतः कुंडली मे जिस अंक के साथ चन्द्रमा स्थित होगा वहीं व्यक्ति की राशि कहलायेगी।
🌹 राशियों का वर्गीकरण
भारतीय वैदिक ज्योतिष में राशियों के प्राणियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर 13 प्रमुख वर्गों में विभाजित किया गया है ...1) धनात्मक तथायाँ ऋणात्मक राशि
2) उत्तर तथा दक्षिण सम्पातिक अयनवृत राशियाँ
3) अग्नि , पृथ्वी , वायु , जल तत्व राशियाँ
4) चर, स्थिर , द्विस्वभाव राशियाँ
5) फलदाई तथा निष्फल राशियाँ
6) मूक राशियाँ
7)हिंसक राशियाँ
8) मानवीय राशियाँ
9) स्वर राशियाँ
10) चतुष्पद राशियाँ
11) द्विपद राशियाँ
12) द्विभौतिक राशियाँ
13) लघु तथा दीर्घ विषुवांश राशियाँ
🍀 प्रत्येक राशि व्यक्ति के शारीरिक लक्षण ,विशिष्ट गुण ,स्वास्थ्य , आर्थिक स्थिति तथा व्यवसाय को निर्धारित करती है ,साथ ही कुंडली के भाव विशेष में अपनी स्थिति के आधार पर उस भाव के परिणामों को प्रभावित करती है ।
जब कुंडली मे स्थित राशियों में कोई ग्रह स्थित न हो तो इन राशियों के प्रभाव बिना किसी परिवर्तन के प्राप्त होते है तथा जब इन राशियों के स्वामी ग्रहों की अपनी राशि में स्थिति इनको प्रभावों में स्पष्टता तथा वृद्धि करती है ।
लेकिन इन राशियों में स्थित अन्य ग्रह इनके स्वभाव और प्रभावों को परिवर्तित कर देते हैं।
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जन्म कुंडली जीवन का स्कैन है, जिसमें सभी अच्छी या बुरी स्थितियों को देखा जा सकता है .......!!
ज्योतिष शास्त्र का सर्वोत्तम व्यवहारिक उपयोग यही है कि हम आज ..!
आने वाले कल के लिए जीवन का बेहतरीन प्रबन्धन (management) कर सकें ..........!!
Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
Whatsapp No ::-- 9414204610
{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक System ( वर्षफल पद्धति )
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