कुंडली में शिक्षक | अध्यापक बनने के योग :-
government teacher yoga in astrology
हमारी भारतीय संस्कृति में शिक्षक (Teacher) का स्थान सर्वोपरि माना गया है ।..
एक शिक्षक अपने विद्यार्थी को शिक्षा तथा ज्ञान ही नहीं देता अपितु एक सभ्य और सुसंस्कृत समाज का निर्माण भी करता है...
सामान्यतः अध्यापक/ शिक्षक बनने को लेकर ये आम धारणा है कि कुंडली मे गुरु पंचम भाव में होना चाहिए अथवा अपनी उच्च राशि में हो या कुंडली में गुरु द्वारा कोई शुभ योग बनता हो तभी व्यक्ति शिक्षक बनता है ।
नहीं...
ये सिर्फ अस्पष्ट और अंदाज वाली बातें हैं।
क्योंकि जिनकी कुण्डली में गुरु अपनी नींच राशि में होता है वे भी शिक्षक बनते है जिनके कोई शुभ योग नहीं होता या गुरु पंचम भाव में नहीं है वे भी अच्छे शिक्षक बनते हैं।
आइये क्रमबद्ध रूप से समझते एक शिक्षक की जन्म कुंडली मे क्या क्या योग होते है..
कुंडली में शिक्षक | अध्यापक बनने के योग :-
Yoga for Government teacher
कुंडली मे शिक्षा के योग :-
(अच्छी शैक्षणिक पृष्ठभूमि )
एक शिक्षक बनने के लिए सबसे पहले जन्म कुंडली मे शिक्षा के सतत अच्छे होने चाहिए क्यों कि एक शिक्षक को अपने स्वयं के अध्ययन के लिए और आगे शिक्षा का प्रसार (पढ़ाने) दोनो के लिए जीवन पर्यंत शिक्षा से जुड़े रहने होता है ...
कुंडली में शिक्षा के भाव:-
(house for education for astrology)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 2 4 5 9 11 3 भाव शिक्षा के प्रमुख भाव होते है जो एक अच्छे अध्यापक की कुंडली मे सक्रीय होते हैं।..
द्वितीय भाव(2 nd house):- प्रारम्भिक शिक्षा का भाव है । जो शिक्षा हमें अपने अनुभव से समझ से तथा प्रारम्भिक विद्यार्जन से प्राप्त होती है।
चतुर्थ भाव(4 th house):- ये शिक्षा का सबसे मुख्य भाव है जो हमारे किसी विशेष विषय में पारंगतता अथवा अध्ययन को बताता है ।..
पंचम भाव (5th house) :- ये हमारी बुद्धि का भाव है अथवा हमारी रुचिगत विषय साथ साथ समझ , ज्ञान और बोध का भाव होता है।
चतुर्थ भाव के साथ मिलकर पंचम भाव शिक्षा के किसी विशेष विषय/ विषयों में निरन्तर अध्ययन के साथ शिक्षा तथा ज्ञान के प्रचार प्रसार को बताता है ।
नवम भाव(9th house) :- नवम भाव (9th house) यहाँ उच्च शिक्षा अथवा उच्च ज्ञान की पारंगतता को बताता है ।..
एकादश भाव (11th house) :- यहां शिक्षा में प्राप्ति का द्योतक है ।
तृतीय भाव(3rd house):- शिक्षक की कुंडली मे 3rd house उसके लेखन के साथ विषयगत जानकारी को विद्यार्थियों को सरलतम तरीके से समझाने का सूचक होता है।
इन सभी भावो से सम्बंधित ग्रह व्यक्ति के सम्बन्धित विषय/ विषयों में पारंगतता के बारे में बताते हैं।
एक महान शिक्षक, के लिए स्वयं उसकी शैक्षणिक पृष्टभूमि अच्छी होनी आवश्यक है
शिक्षा के भावों का सम्बन्ध अर्थ भाव से होना चाहिए
एक शिक्षक की कुंडली में अधिकांश ग्रह शिक्षा के भावों ( 2 4 5 9 11) से सम्बंधित होने के साथ साथ अर्थ भाव (2 6 10) से सम्बंधित होते है जो जातक को निरन्तर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ने तथा शिक्षा के क्षेत्र से आमदनी को बताते है
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सरकारी क्षेत्र में शिक्षण के योग:-
(government teacher yoga in astrology ) :-
व्यक्ति के रोजगार प्राप्ति के समय दशा अंतरदशा में 2 4 5 9 11 भाव तथा रोजगार के भावोँ के साथ दशा अंतरदशा में कम से कम 3 ग्रहों के साथ सूर्य अथवा चन्द्रमा भी हों तो व्यक्ति का चयन सरकारी नौकरी के लिए हो जाता है ।
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आचार्य उपेंद्र शेखर भट्ट
9414204610
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