राहु का स्वभाव / Rahu characteristics
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है ,जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता लेकिन जन्म कुंडली में ये अपनी स्थिति और सम्बन्धों के आधार पर बड़े बड़े योगों को ध्वस्त भी कर देता है तथा कुंडली मे अवयोगों (अशुभ योग) से भी अत्यंत शुभ फल निकाल देता है ।...
राहू का स्वभाव तथा कारकत्व :-
(Rahu characteristics)
राहु का स्वभाव (Rahu characteristics) तमोगुण से युक्त है । यह सभी श्याम(काली) तथा अशुभ वस्तुओं का अधिपति है।
राहु में आलस्य, मलिनता, अवसाद, नास्तिकता, आडम्बर , प्रपंचता जैसे अवगुण पाये जाते हैं। ..
राहु मिथ्या , दुराशा, व्यर्थ परिश्रम, मतिभ्रम, भय, छल- कपट, प्रपंचपूर्ण कार्यों का कारक है।
चोरी/लूट के माल पर कब्जा , नकाबपोश व्यक्ति, डकैतों का नेता , विषैली गैस, गैस चैंबर, धुआं, तथा बम का सम्बन्ध राहु से होता है ।
राहु का स्वभाव (Rahu characteristics) स्वार्थी, सुखाभिलाषी , उच्चाकांक्षी, सर्वदा अपने लाभ के विषय में सोचने वाला है..।
राहु स्वभाव से प्रकृति से प्रेम स्नेह तथा सहयोग में विश्वास नहीं करता..
राहु सभी पारिवारिक , सामाजिक तथा नैतिक बंधनो की अवहेलना तथा अवमानना करता है ।
चूंकि ज्योतिष में राहु के स्वभाव Rahu characteristics) को ही उसका परिणाम मान लिया जाता है ,
जब कि ऐसा नहीं होता ।
राहु जन्म कुंडली में अपनी स्थिति तथा अन्य ग्रहों से सम्बन्धित होकर जातक् को शुभ अथवा अशुभ परिणाम देता है ..
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आचार्य उपेंद्र शेखर भट्ट
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