शकट योग के प्रभाव तथा उपाय (shakata yoga and Remedy)
शकट योग क्या होता है। ?
What is shakta yoga ?
वैदिक मान्यता के अनुसार जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह लग्न और सप्तम भाव में स्थित हों तथा चन्द्रमा से बृहस्पति छठे, आठवें , अथवा बारहवें भाव (6th , 8th, 12th house) में हो तो शकट योग ( shakata yoga) का निर्माण होता है ।
शकट योग के प्रभाव :-
Effect of shakata yoga :-
वैदिक ज्योतिष में शकट योग (shakta yoga) को एक अशुभ योग माना गया है ।
शकट योग में उत्पन्न जातक गरीब , दरिद्र व जिद्दी स्वभाव का होता है , उसे जीवन भर धन की कमी रहती है तथा उसके जीवन में हमेशा उतार चढ़ाव आते रहते है , उसके सभी सगे सम्बन्धी , मित्र कोई भी उसकी मदद नहीं करता । समाज में ये जातक घृणा का पात्र होता है ।
शकट योग भंग :-
Shakta yoga cancel
1) यदि कुंडली में चंद्रमा अथवा गुरु षड़बली हों तो इस योग का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है ।
2) मजबूत लग्न/लग्नेश के होने पर इस योग के दुष्प्रभाव नहीं होते है ।
3)मजबूत आमदनी के भाव (2 6 10 11) शकट योग(shakta yoga) के प्रभावोँ को कमजोर कर देते है ।
4) त्रिकोण भावोँ का बली होना व्यक्ति को समाज में प्रतिष्ठा दिलाता है ।
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शकट योग के उपाय :-
Remedy for shakata yoga :-
1) पूजा स्थान पर चांदी के लक्ष्मी गणेश जी रखे और नित्य पूजा करें ।
2) घर में उत्तर पश्चिम स्थान पर प्रतिदिन कपूर जला कर रखें।
3) घर के उत्तर पूर्व स्थान पर गंगाजल भर कर रखें।
4) प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जप करे ।
5) पांच मुखी रुद्राक्ष की माला धारण करें ।
Astrologer Upendra Shekhar Bhatt
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