💧 जल तत्व राशि (jal tatva rashi in hindi )
【 कर्क, वृश्चिक , मीन】 जल तत्व राशि वाले जातक के गुण तथा विशेषताएं
◆ जल तत्व राशि के लोगों के गुण, विशेषता , प्रकृति तथा सामान्य परिचय
◆ जल तत्व राशि वालों के व्यवसाय क्षेत्र
◆ जल तत्व राशि वालों के रोग तथा बीमारियां
◆ निष्कर्ष
तत्वों के आधार पर समस्त भचक्रीय राशियो को चार वर्गों में विभक्त किया गया है वह है अग्नि , पृथ्वी , वायु और जल ..
प्रत्येक राशि वर्ग व्यक्ति के शरीर , मन , आध्यात्मिक और मानसिक स्तर तथा व्यक्ति की विशेषताओं को बताता है तथा अन्य राशि वर्ग के व्यक्ति से अलग करता है ....
आइए इस भाग में जल तत्व राशि / लग्न वाले जातकों के गुण , प्रकृति , स्वभाव और चारित्रिक विशेषताओं , रोग और व्यवसाय के विषय में समझते है ...
💧 जल तत्व राशि के लोगों के गुण, विशेषता , प्रकृति तथा सामान्य परिचय :-
जल तत्व राशि सफल प्रकृति तथा व्यक्तित्व को बताती है जल तत्व राशि गहन कल्पनाशीलता तथा तीव्र बुद्धि का प्रतिनिधित्व करती है जल तत्व राशि के जातक में प्रकृति के प्रति प्रेम , आकर्षण तथा अदभुत अंतर्ज्ञान होता है
ऐसे जातक आलौकिक प्रवृतियों की ओर शीघ्र बोध और आकर्षित होते है तथा साधनापूर्ण जीवन जीने को तत्पर्य रहते है ..,
जल तत्व राशि के लोग अच्छे समालोचक भी होते है ,किसी भी स्थिति अथवा विषय पर सूक्ष्म त्रुटि और लाभ को गहनता से विश्लेषित कर लेते है ..
जल तत्व राशि जातक को कमजोर क्षमता तथा क्षीण शारीरिक प्रकृति देती है...
यदि किसी के लग्न में जल तत्व राशि हो अथवा चन्द्रमा जल तत्व राशि मे हो तो जातक शर्मीला , कोमल ,आत्मविषयी , दार्शनिक , अतिरिक्त सूक्ष्मग्राही , साहस के साथ स्पष्ट बोलने वाला , रोमांटिक जीवन जीने को सदैव तत्पर , शारीरिक रूप से शक्ति की कमी का अनुभव करनेवाला होता है ...
जल तत्व राशि /लग्न वाले जातक किसी से भी बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते है तथा ये स्वयं को किसी भी परिस्थिति अनुसार बहुत जल्दी ढालने की क्षमता भी रखते है ...
यदि किसी के लग्न में जल तत्व राशि हो और वहाँ जल तत्व ही ग्रहों का प्रभाव हो तो व्यक्ति बहुत अधिक भावुक , स्वप्नवत जीवन जीने वाला , अस्थिर विचारो वाला , डरपोक ,ओर किसी भी कार्य के प्रति अक्षम तथा विमुख होता है ।
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💧 जल तत्व राशि वालों के व्यवसाय क्षेत्र :-
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली मे अधिकांश ग्रह जल तत्व राशि मे हो तो जातक उस व्यवसाय की ओर आकर्षित होता है । जिसमे जल प्रमुख घटक हो
नाविक , मछुआरे , जहाज निर्माता , जलपान के निर्माता तथा व्यापारी , समुद्री व्यवसाय , जल सेना , तथा सभी कार्य जिसमे शुद्ध जल से शराब तक सम्मिलित है .......
💧 जल तत्व राशि वालों के रोग तथा बीमारियां :-
जब जन्म कुंडली में अधिकाँशत ग्रह जल तत्व राशि में स्थित होकर पीड़ित हों तो जातक कई बीमारियों का शिकार होता है ..
जन्म कुंडली में जल तत्व राशियाँ के पीड़ित होने पर व्यक्ति रक्त की कमी , कमजोर पाचन क्षमता , मूत्र सम्बन्धित तकलीफे , मौसम का शीघ्र प्रभाव , कमजोर ह्दय की धड़कन देती है..
💧 निष्कर्ष:-
तत्वों के आधार पर जातक की प्रकृति , विशेषताएं तथा सामान्य गुणों को समझा जा सकता है लेकिन सटीक तथा गहनता से जातक के विषय में सिर्फ सम्पूर्ण कुंडली विश्लेशण से ही जाना जा सकता है ..
कुछ आसान , आवश्यक और सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहो का सहयोग और कुछ सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम । सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है ..
Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
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{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system ( वर्षफल पद्धति )
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