पंचम भाव में राहु (Rahu in 5th house)
पंचम भाव में राहु (Rahu in 5th house) जितना शुभ फल जन्म कुंडली के किसी भी अन्य भाव में बैठकर दे सकता है उतने ही शुभ परिणाम पंचम भाव में राहु ( rahu in 5th house) के भी हो सकते है
⭕ हमारे चारों ओर हमेशा से ये भ्रांतिपूर्ण धारणा बनाई जाती है कि राहु जन्म कुंडली के जिस भाव में बैठता है उस भाव के सभी परिणामों कोअशुभ कर देता है ..
जब कि ये सिर्फ भ्रम , भय और गुमराह करने वाली बातें है ..
पंचम भाव में राहु (Rahu in 5th house) जितना शुभ फल जन्म कुंडली के किसी भी अन्य भाव में बैठकर दे सकता है उतने ही शुभ परिणाम पंचम भाव में राहु ( rahu in 5th house) के भी हो सकते है
आइये समझते है पंचम भाव में राहु (Rahu in 5th house) हमारे जीवन मे कब शुभ तथा कब अशुभ फल दे सकता है ...
⭕ पंचम में राहु (Rahu in 5th house) के शुभ फल:-
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💞 पंचम भाव हमारे ज्ञान , बुद्धि तथा शिक्षा का प्रमुख भाव है अतः जब पंचम भाव मे बैठकर राहु 4 9 11 भावो से सम्बंधित होता है तो व्यक्ति को शिक्षा तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त सफलता दिलाता है ..
यदि पंचम भाव के साथ चतुर्थ , नवम , अष्टम ,एकादश भाव से सम्मिलित रूप से सम्बन्धित हो तो राहु गूढ़ रहस्य तथा शिक्षा में अनुसंधान तथा शोध की ओर ले जाता है ...
💞 पंचम भाव सन्तान का भाव भी होता है पंचमस्थ राहु नवम तथा एकादश भाव को प्रदर्शित करें तो ये सन्तान सुख तथा अपनी दशा अंतरदशा में सन्तान प्राप्ति देता है ..
💞 पंचम भाव हमारे प्रेम , उमंग , दोस्ती का भाव है , अष्टम अथवा द्वादश के साथ लाभ भाव से सम्बंधित राहु प्रेम सम्बन्धों को जन्म देता है ..
सप्तम भाव से विशेष सम्बन्ध प्रेम विवाह की ओर ले जाता है ...
💞 पंचम भाव बुद्धि , कौशल , चतुराई का भाव है राहु यदि त्रिक भावों से सम्बंधित नही है तो व्यक्ति को चतुर , बुद्धिमानी बनाता है ..
💞 पंचम भाव में राहु( Rahu in 5th house) जब गुरु अथवा बुध से विशेष सम्बन्ध बनाकर अष्टम तथा एकादश भाव से भी सम्बन्धित हो तो जातक शेयर बाजार से जबदस्त धनार्जन करता है ....
💞 पंचम में बैठा राहु 6 8 12 भावों को प्रदर्शित नहीं कर रहा तो ये उत्तम स्वास्थ्य तथा आयुष प्रदाता भी होता है ...
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👹 पंचम भाव में राहु ( Rahu in 5th house) के अशुभ फल :-
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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में राहु को स्वभाव से एक अशुभ तथा अलगाववादी ग्रह माना गया है..
ये सच है लेकिन ये राहु का स्वभाव उसका परिणाम नहीं होता ...
जब राहु पंचम भाव में बैठकर त्रिक भावों से भी सम्बन्धित हो तो यहाँ राहु के परिणाम अशुभ हो जाते है ..
👺 पंचम भाव में राहु शिक्षा में व्यवधान , सन्तान सुख में कमी , गर्भपात , नौकरी / व्यवसाय में हानि अथवा परिवर्तन , प्रेम सम्बन्धों में बार बार धोखा होना , सम्बन्धो में बदनामी , पेट से सम्बंधित रोगों का कारण बनता है ..
👿 पंचम में बैठा राहु यदि सूर्य अथवा शनि से युति करके सम्मिलित रूप से त्रिक भावों को भी प्रदर्शित करे तो ये अशुभता की पराकाष्ठा हो जाती है ...
❤️ नोट :- ध्यान रहे पंचम भाव मे बनी राहु सूर्य युति अथवा राहु शनि युति से ये अनुमान बिल्कुल भी ना लगाए की यहां राहु अशुभ हो गया ...
जी नहीं किसी भी युति से उसके परिणाम नहीं निकाले जा सकते , परिणाम सिर्फ शुद्ध विश्लेशण से ही जाने जाते है ..
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Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
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