दशम भाव में राहु (Rahu in 10th house in hindi )
दशम भाव में राहु (rahu in 10th house) यदि जन्म कुंडली के अर्थ भावों (2 6 10 11) से सम्बंधित हो तो ये जातक को धनी , मान , प्रतिष्ठित, उच्चाधिकारी , स्वार्थी , प्रपंच कुशल बनाता है पर ये स्थिति वैवाहिक जीवन के लिए कष्टप्रद होती है ...
💞 दशम भाव में राहु (rahu in 10th house) के शुभ तथा अशुभ फल:-
⭕ दशम भाव में राहु (rahu in10th house) समान्यतः जातक को अभिमानी , प्रपंची , निष्ठुर , स्वार्थी, प्रदर्शन प्रिय तथा धन लोलुप बना देता है ..
⭕ दशम भाव में राहु जातक को परिश्रमी , संघर्षशील , निडर , कार्यकुशल तथा सक्षम भी बनाता है..
⭕ किसी भी राशि मे बैठा कुंडली के दशम भाव में राहु यदि कुंडली के 6 ,11 भावों को प्रदर्शित करे तो जातक अपने कर्म क्षेत्र में जबरदस्त उचाइयां , प्रतिष्ठा , सम्मान तथा धन पाता है ..
⭕ जब दशम भाव में राहु 6 11भावों के साथ साथ लग्न/लग्नेश भी सम्बन्धित हो तो जातक राजनीति में सफलता प्राप्त करता है ..
⭕ दशम भाव में राहु (rahu in 10th house) पंचम भाव से प्रबलता से सम्बंधित हो तो जातक सदाचारी , निष्ठावान , देशभक्त , बलिदानी ,साहसी , परोपकारी तथा दृढ़ संकल्पशक्ति वाला होता है..
(ज्योतिषीय विश्लेषण तथा परामर्श के लिए सम्पर्क करें :-
whatsapp no - 9414204610)
👹 दशम भाव में राहु(rahu in 10th house) विवाह तथा वैवाहिक सुख में बाधक होता है .
यदि विवाह सुख देने वाले भाव कमजोर हों तो दशमस्थ राहु विवाह विच्छेद (divorce) का प्रमुख कारण बनता है ..
👹 दशम भाव मे राहु(rahu in 10th house)सन्तान सुख में भी बाधक होता है ये अल्प सन्तति तथा सन्तान से अलगाव भी देता है ..
👹 जातक के बीमारी के समय दशम भाव में बैठा राहु उपचार में बाधा के साथ साथ भ्रम भी पैदा करता है..
👹 दशम भाव में बैठा राहु जब लग्न तथा चतुर्थ भाव से सम्मिलित सम्बन्धित हो तो व्यक्ति को
नपुंसकता (erectile dysfunction) की बीमारी देता है..
● प्रथम भाव में राहु के शुभ अशुभ फल तथा उपाय :-
💞 Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
(Works at advanced & practical Astrology"
【हिन्दू वैदिक ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष, जैमिनी ज्योतिष , ताजिक पद्धति】
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in tha comment box.