जन्म कुंडली में बंधन योग ( जेल जाने के योग)
कुंडली में बंधन योग (जेल जाने के योग) तभी बनते है जब कुंडली में कम से कम दो योग ( संयोग) विशेष रूप से हो
पहला कुंडली में जातक द्वारा कोई अपराध (जुर्म ) करने के योग हों ।
दूसरा अपराध (जुर्म)करने के प्रतिफल में सजा होने के योग हों ।
मुख्य बात है कि अपराध करना अलग बात है तथा अपराध करने के कारण सजा के रूप में जेल जाना बिल्कुल अलग बात है ।
आइये गहराई से तथा सूक्ष्मता से समझते है व्यक्ति जीवन में कब किस प्रकार के अपराध में सजा पाता है।
तथा कब जन्म कुंडली में कौनसे संयोगों होने पर व्यक्ति जेल यात्रा( कारावास) से बच जाता है ..
बंधन योग के कारण :-
व्यक्ति कब पुलिस केस अथवा मुकदमेबाजी में फसता है :-
कुंडली के 6 8 12 भाव अशुभ के उत्पादक है
6th house मुकदमे बाजी , शत्रुता का प्राथमिक भाव है
8th house बेइज्जती , अवरोध ,हानि , तनाव ,सबकुछ समाप्ति को बताता है
12th house यहाँ हानि , शत्रु पीड़ा , इज्जत हानि का है
राहु केतु तथा शनि मुख्य अशुभ ग्रह है जो 6 8 12 भाव के साथ मिलकर व्यक्ति को पुलिस केस , मुकदमेबाजी में फंसाते है ।
जब 6 8 12 भाव सम्मिलित रूप से अशुभ ग्रहों के साथ दशा आंतर्दशा में आते है तो व्यक्ति के ऊपर आरोप लगते है तथा जातक कानून का उलंधन करता है तथा मुकदमेबाजी में फंसता है ।
कब बनता है बंधन योग ( जेल जाने के योग) :-
जब पुलिस के द्वारा न्यायालय में कोई मामला पंजीकृत होने पर अथवा व्यक्ति के विरुद्ध कोई मुकदमा चलने पर ।
यदि व्यक्ति की कुंडली में स्वाभाविकअशुभ ग्रहों (राहु केतु , शनि) के साथ 2 3 8 12 भाव दशा आंतर्दशा में लगातार बनें रहें अथवा दोहराए जाएं तो व्यक्ति की कुंडली में बंधन योग निर्मित होता है तथा अपराध स्वरूप व्यक्ति को जेल जाना पड़ता है ।
यहां
12 वां भाव - हानि , कारावास , जेल यात्र का मुख्य भाव है ।
8 वां भाव - तनाव , बेइज्जती , रुकावटों तथा असफलता को बताता है ।
3rd house - घर से अलगाव अथवा सुख हानि को बताएगा ।
2nd house - पारिवारिक कष्ट , कुटुम्ब में विखराव या अलग होने का है ।
दशा आंतर्दशा में अलगाववादी अशुभ ग्रह (राहु केतु ,शनि) का होना कष्ट के साथ जेल यात्रा या कष्ट स्वरूप परिवार , घर से अलग होने की पुष्टि करते है ।
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बंधन योग के (जेल जाने के ) कारण :-
बंधन योग (जेल जाने के योग ) के क्या कारण बनेंगे अथवा व्यक्ति किस प्रकार का मुकदमा या केस चलेगा या किस केस में जेल जाएगा ये कुंडली मे अलग अलग ग्रहों / भावों के संयोग बंधन योग के साथ होने पर बनते हैं ;-
लड़ाई झडगे के कारण कारावास में बंधन योग के साथ कुंडली में मंगल शनि की युति हो तथा दशा आंतर्दशा प्रत्यंतदश में ये ग्रह होने चाहिए
हत्या अथवा कत्ल के कारण जेल जाने के योग तब बनते है जब बंधन योग के साथ कुंडली में मंगल अष्टम भाव से सम्बंधित हो ।
बलात्कार के कारण जेल यात्रा के लिए सप्तम भाव तथा शुक्र भी बंधन योग के साथ आये ..
गबन जालसाजी के लिए बंधन योग के साथ बुध का संयोग होना चाहिए ।
मुकदमें में जीत :- यदि कुंडली में दशा आंतर्दशा में 6 11 , 6 10 11 भावों का संयोग मुकदमे के केस या सुनवाई के समय लगातार बनाता है तो व्यक्ति मुकदमा जीत जाता है ।
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