मंगलवार, 18 मई 2021

प्रेम विवाह अथवा अंतर्जातीय विवाह के योग || inter caste marriage yog in kundli in hindi

 

प्रेम विवाह अथवा अंतर्जातीय विवाह के योग ||

inter caste marriage yog in kundli in hindi


अंतर्जातीय विवाह तथा प्रेम विवाह के ज्योतिषीय योग ( Intercaste marriage astrology)



कहते है प्रेम किसी धर्म, जाति , उम्र के बंधन में नहीं बंधता और जो इस बंधन से परे प्यार करते है उनकी अभिलाषा होती है कि यह प्रेम सम्बन्ध अंतिम रूप से विवाह बंधन में बंधे..


⭕ कुंडली में कुछ विशेष भाव / ग्रह तथा उनके योग- संयोग होते जो दो विपरीत लिंग के लोगों में धर्म, जाति, उम्र से हटकर प्रेम सम्बन्ध स्थापित करवाते है..


तथा कुछ बहुत ही विशेष कॉम्बिनेशन कुंडली में होते है जो उन प्रेम सम्बन्धो को सफल वैवाहिक जीवन मे परिणित करवाते है ...


चूंकि सभी सच्चा प्यार करने वाले चाहते है कि उनके प्रेम सम्बन्ध सामाजिक रीति रिवाज के द्वारा ही परिणय सूत्र में बांधकर अमर हो जाएं ..

 लेकिन सभी इसमें  सफल नहीं हो पाते हैं..


आइये बहुत ही गहराई से तथा सूक्ष्मता से समझते है वे कौनसे कॉम्बिनेशन जन्म कुंडली में होते है जो सच्चा प्रेम भी करवाते है तथा उन प्रेम सम्बन्धों को परिणय सूत्र के बंधन में बंधवाते भी है 

☺️☺️




💞  अंतर्जातीय विवाह तथा प्रेम विवाह के लिए  कुंडली के  मुख्य भाव तथा ग्रह 

(inter caste marriage yog in kundli)


विवाह तथा वैवाहिक सुख के लिए जन्म कुंडली के 2 7 11 भाव मुख्य भूमिका में होते है .


जहाँ द्वितीय भाव परिवार बनने का तथा विवाह के बाद दो विपरीत लिंग के लोगों द्वारा परिवार में वॄद्धि का सूचक है..


सप्तम भाव विवाह का मुख्य भाव है जो परिणय सूत्र में बंधने की पुष्टि करता है ..


एकादश भाव यहां 2  7 भाव से प्राप्ति अर्थात विवाह होने की पुष्टि करता है..


जन्म कुंडली का पंचम भाव प्रेम का , फ्रेंडशिप का , उमंगों का , भावनाओं का भाव है ..


शुक्र तथा चन्द्रमा मुख्य रूप से आकर्षण , प्रेम अभिव्यक्ति , भावनाओं के ग्रह है तथा शुक्र विवाह का कारक भी है जो विवाह की पुष्टि करता है..


👉राहु - केतु अथवा शनि अंतर्जातीय प्रेम सम्बंध स्थापित करवाने में तथा अंतर्जातीय विवाह में  मुख्य भूमिका निभाते है ।



💞 कब बनते है अंतर्जातीय प्रेम सम्बन्ध :-


जब जन्म कुंडली में शुक्र अथवा चन्द्रमा के साथ  कोई भी ग्रह दशा या अंतरदशा में हों तथा 5 11 , 5 8 11 , 5 8 11 12 , 5 8 12 का संयोग रखते हों तो व्यक्ति प्रेम करता है।


सरल शब्दों में समझे तो पंचम भाव से सम्बंधित शुक्र अथवा चन्द्रमा द्वितीय अथवा एकादश भाव से सम्बंधित होते है तो व्यक्ति प्रेम करने को विवश हो जाता है ।

जब इन योगों के साथ राहु केतु , शनि  तो व्यक्ति अपने धर्म अथवा जाति से हटकर अन्य जाति /धर्म के पर्सन से प्रेम सम्बन्ध स्थापित करता है ..


यहां पंचम भाव के साथ अष्टम अथवा द्वादश भाव का भी दशा अन्तर्दश में आना प्रेम सम्बन्धों के साथ  शारीरिक प्रेम अभिव्यक्ति ( Physical Relationship), हम बिस्तर होने को बताता है ।




(सटीक , गहन कुंडली विश्लेषण तथा परामर्श के लिए सम्पर्क करें :-

 whatsapp no - 9414204610)




💞 कब बनते है अंतर्जातीय विवाह योग :-

(Astrological combination for  inter caste marriage )



📍 जब विवाह के संयोगों (2 7 11) के साथ पंचम भाव(5th house ) दशा अन्तर्दशा में बार बार दोहराए जाता है तथा इस संयोग में प्रबलता से अथवा दशा आंतर्दशा में मुख्य भूमिका में शनि , राहु अथवा केतु हों तो जातक /जातिका का अंतर्जातीय विवाह होता है ..


📍 यहां अंतर्जातीय विवाह के संयोग में अष्टम तथा द्वादश भाव  का  सम्मिलित रूप से आना समाज में बदनामी , लोक निंदा को बताता है ।


📍 इस संयोगों में अथवा   दशा आंतर्दशा में गुरु का होना पारिवारिक सहमति से अंतर्जातीय विवाह का होना बताता है ।


📍 यदि विवाह के संयोग में पंचम भाव (5th house) नहीं आता तब राहु , केतु शनि विवाह के संयोग में हो तो ये अंतर्जातीय विवाह बिना प्रेम सम्बन्धो के होता है ।


📍 अंतर्जातीय विवाह के योगों के साथ 3 rd house का आना अडोस पड़ोस या जानपहिचान में अंतर्जातीय विवाह करवाता है 


📍 3 9 12 भाव पंचम तथा अष्टम भाव के साथ प्रेम तथा अंतर्जातीय विवाह के योगों में हों तो जातक घर से भागकर विवाह करता है ।


📍 3 9 12 भाव प्रेम तथा अंतर्जातीय विवाह के संयोगों में अष्टम भाव के बिना आयें तो ये  जन्म स्थान से दूर अथवा विदेश में विवाह होना बताता है ।



सटीक , गहन कुंडली विश्लेषण तथा परामर्श के लिए सम्पर्क करें :-



                     Aacharya Upendra Shekhar Bhatt                                            

                          Whatsapp No ::--  9414204610


"Works at  advanced  &  practical Astrology"

{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति )





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spam link in tha comment box.

close