नवमांश कुंडली में विदेश यात्रा का विश्लेषण :-
नवमांश कुंडली ( navmansh kundli ) लग्न कुंडली के बाद देखी जाने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण वर्ग कुंडली होती है।
नवमांश कुंडली लग्न कुंडली में स्थित ग्रहों के परिणामों को सशक्तता से तो बताती है साथ ही लग्न कुंडली में बनने वाले योग फलीभूत होंगे अथवा नहीं इनकी पुष्टि भी करती है ।
आइये आज हम नवमांश कुंडली में विदेश यात्रा के योग के विषय मे जानेंगे
नवमांश कुंडली में विदेश यात्रा योग :-
1) लग्न कुंडली का लग्नेश नवमांश कुंडली में चर राशि में स्थित होकर द्वादश भाव में स्थित हो तो व्यक्ति के जन्म स्थान से दूर जाने के योग बनते है
2) नवमांश कुंडली में राहु का द्वादश भाव में चर या द्विस्वभाव राशि में होना व्यक्ति को बार बार विदेश यात्राएं कराता है ।
3) नवमांश कुंडली मे नवमांश कुंडली का लग्नेश नवम या द्वादश भाव में हो तो सम्बन्धित दशा आंतर्दशा में विदेश योग बनते है ।
4) नवमांश कुंडली में 3 9 12 भाव में अलगाववादी ग्रह विदेश यात्राएं कराते है ।
5) लग्न कुंडली का चतुर्थेश नवंमांश कुंडली में चर राशि मे स्थित होकर नवम या द्वादश भाव में हो तो व्यक्ति अधिकाशतः घर से दूर अथवा विदेश में रहता है ।
6) लग्न कुंडली के तृतीयेश का नवमांश कुंडली में 3 9 12 भाव में होना व्यक्ति को विदेश यात्रा पर ले जाता है ।
7) नवंमांश कुंडली में अधिकांश ग्रहों का चर अथवा जलीय नवंमांश राशि में होना व्यक्ति को विदेश यात्राएं करता है ।
निष्कर्ष :-
मेरा अनुभव तथा विचार (my opinion)
नवमांश कुंडली के साथ लग्न कुंडली में भी विदेश यात्रा के योग , विदेश में शिक्षा , नौकरी व्यवसाय अथवा विवाह होकर जाना सम्मिलित रूप से देखा जाना चाहिए तभी विदेश यात्रा के विषय में सशक्तता से कहा जा सकता है ।
✔️ यदि आप अपनी कुंडली का विश्लेषण करना चाहें तो सम्पर्क करें ।
Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
Whatsapp No :- 9414204610
"Works at advanced & practical Astrology"
{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system ( वर्षफल पद्धति )
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in tha comment box.