शनिवार, 12 जून 2021

पर्वत योग (parvat yoga) दिलाता है समाज मे नाम और प्रतिष्ठा

 पर्वत योग (parvat yoga) दिलाता है समाज मे नाम और प्रतिष्ठा 


पर्वत योग (parvat yoga)




कुंडली में पर्वत योग :-


महर्षि पराशर के अनुसार जब कुंडली में केन्द्र भावों (1 4 7 10 , house) में शुभ ग्रह (बुध , शुक्र , गुरु , पूर्ण चंद्र) स्थित हों तथा कुण्डली के छठे तथा आठवें भाव में  कोई भी ग्रह नां हो या शुभ ग्रह स्थित हों तो कुंडली में पर्वत योग निर्मित होता है ।

पर्वत योग पर एक अन्य मत

कुंडली में  लग्नेश और व्ययेश (12 th lord) परस्पर एक दूसरे से केंद्र में स्थित हों तथा केंद्र भावों में शुभ ग्रह हो  तो पर्वत योग बनता है ।



पर्वत योग के फल:-


पर्वत योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति धनी , सम्पन्न ,स्वत्रंत विचारों वाले , दानशील होता है ।
कुंडली में पर्वत योग हो तो जातक स्वभाव से हास्य विनोद करने वाला , वैचारिक रूप से कामुक प्रवृत्ति वाला तथा किसी ग्राम या नगर का प्रधान होता है ।

पर्वत योग में जन्म लेने वाला जातक अपने भाग्य का निर्माण स्वयम करता है वह गरीबो तथा पीड़ितों  की सहायता करने में तत्पर रहता है।
पर्वत योग वाला जातक कामुक प्रकृति का भोगी व्यक्ति होता है।



निष्कर्ष :-


मेरा अनुभव तथा विचार (My opinion)


मेरे अनुमान से सिर्फ केंद्र स्थानों में शुभ ग्रह होना किसी निष्कर्ष तक नहीं ले जा सकता ।
केंद्र का बली होना समाज मे व्यक्ति की सक्रिय उपस्थिति तथा महत्त्वता को तो बताता है लेकिन इससे ना तो जातक की आर्थिक स्थिति का तथा ना ही उसकी प्रवृत्ति के विषय में कोई जानकारी मिलती ना ही ये स्पष्ट होता कि वह सद्गुणी या दानशील हो होगा ।
अतः हमें किसी निष्कर्ष के लिए इस  योग के अतिरिक्त भी कुंडली में अन्य ग्रहीय स्थितियों का विश्लेशण करना होगा ।


✔️ यदि आप अपनी कुंडली का सटीक विश्लेषण करना चाहते है तो सम्पर्क करें

                      Aacharya Upendra Shekhar Bhatt                                          
                              Whatsapp No :- 9414204610

"Works at  advanced  &  practical Astrology"
{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति )





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spam link in tha comment box.

close