🍀 अनंत कालसर्प योग:-
( Anant kaal sarp yog)🍀 अनन्त कालसर्प योग का प्रभावी समय:-
(Anant kaal sarp yog duration)
🍀 अनंत कालसर्प योग के शुभ प्रभाव:-
(Anant kaal sarp yog benifit)
🍀 अनन्त कालसर्प योग के उपाय और निवारण:-
(Anant kaal sarp yog upay in hindi)
आज हमारे समाज में कालसर्प योग को लेकर सच्चाई से कहीं अधिक भ्रांतियां और भ्रम व्याप्त है ।
जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई भी समस्या या तकलीफदेह परिणाम मिलते है, तो उसे कालसर्प योग से जोड़ दिया जाता है ,जब कि ये सच नहीं होता ।
जन्म कुंडली में हर स्थिति , हर योग अथवा दोष के चार प्रकार से परिणाम मिल सकते है , एक शुभ , एक अशुभ , एक मिलेजुले (शुभ अशुभ दोनो )और एक तटस्थ ।
आपकी कुंडली में इसके क्या प्रभाव होंगे ये आपकी जन्म कुंडली के शुद्ध विश्लेषण के बाद ही तय होगा...
आज हम बात करते हैं, अनंत काल सर्प योग के शुभ परिणामों के बारे में :--
🎈 अनंत कालसर्प योग क्या होता है :-
What is anant kaal sarp yog :-
जब जन्म कुंडली मे राहु कुंडली के प्रथम भाव में हो और केतु सप्तम भाव में तथा बाकी सभी ग्रह सूर्य , चंद्र , मंगल , बुध , शुक्र , गुरु और शनि अंशगत (by digree , minute , second) राहु स्थिति राशि से अंश , मिनिट और सैकेंड से अधिक हों तथा केतु स्थित राशि से अंश , मिनिट , सैकेंड से कम पर स्थित हों तो जन्म कुंडली में अनन्त काल सर्प योग का निर्माण होता है ।
यदि कोई भी ग्रह राहु से कम तथा केतु से अधिक अंश , कला विकला ( Digree , minute , second) पर स्थित है तो वह स्थिति अनन्त काल सर्प योग नहीं मानी जाती अतः यहां अनन्त काल सर्प योग निर्मित नहीं होता है ।
दूसरी बात अनन्त काल सर्प योग में सभी ग्रह लगनवत स्थित राहु से आगे की राशि में और सप्तम भाव में स्थिति केतु से पूर्व की राशि में ही स्थित होने चाहिए । यदि सभी ग्रह राहु से पूर्व की राशि मे और केतु से आगे की राशियों में है तो ये अनंत काल सर्प योग नहीं होता चाहे सभी ग्रह अंशवत राहु केतु के मध्य में ही क्यों न हों
🎈 काल सर्प योग प्रभावी समय :-
Duration of Kaal sarp yog :-
भारतीय ज्योतिष पद्धति के नियमों के अनुसार जन्म कुंडली मे स्थित सभी ग्रह अपने परिणाम सिर्फ अपनी दशा अथवा अंतरदशा में देते है अथवा समान संयोग (योग) combination वाले अन्य किसी भी ग्रह की दशा या अंतरदशा में जो उस ग्रह के समान परिणाम देने में सक्षम हो।
इसके अतिरिक्त कोई भी ग्रह कभी भी किसी भी प्रकार का परिणाम जीवन मे कभी भी नहीं देता
इसलिए ये धारणा बनाना कि काल सर्प योग का प्रभाव सम्पूर्ण जीवन भर रहता है अथवा विशेष आयु तक ही होता है, बिल्कुल बेबुनियाद है।
काल सर्प योग के परिणाम हमें सिर्फ राहु अथवा केतु की दशा ,अंतरदशा में मिलेंगे अथवा इनसे सम्बन्धित अन्य ग्रह की दशा अंतरदशा में अब यदि वह समय 4 वर्ष की आयु में आये या 35 वर्ष की या 65 वर्ष की आयु में परिणाम भी उसी आयु विशेष में मिलेंगे ..
🎈 अनन्त कालसर्प योग के शुभ प्रभाव :-
Anant kaal sarp yog benifits :-
अनंत काल सर्प योग में पैदा होने वाले जातक तीक्ष्ण बुद्धि से युक्त , चतुर् , प्रैक्टिकल पर्सन , अपने काम बनाने में माहिर और मल्टीपल सोच रखने वाले होते है ।
ये सफल व्यवसायी , नए दृष्टिकोण और सोच रखते है , ये धर्म और विज्ञान के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते है ।
यदि कुंडली में राहु अथवा लग्नेश दशम तथा एकादश भाव से सम्बंधित हो ,तो ये राजनीति में सफलता अर्जित करते है ।
जब इस योग के साथ लग्न या लग्नेश त्रिक भाव से सम्बन्धित हो और कुंडली मे अच्छी शिक्षा के योग भी रहें तो ये सफल चिकित्सक (doctor) बनते है ।
मेष , और वृष लग्न में इस योग के साथ यदि एकादश भाव सम्बन्धित हो तो इस योग में जन्मे जातक शेयर बाजार , लाटरी , सट्टे से जबरदस्त धन अर्जित करते है ।..
अन्य लग्नो में भी विशेष संयोग बनने पर जातक शेयर बाजार में सफलता पाता है।
सामान्यतः अनंतकाल सर्प योग में जन्मे जातकों के वैवाहिक सामंजस्य का अभाव रहता है इसका कारण यह है कि सामान्य से ऊपर उठने की चाह और अस्थिर विचार जीवन मे स्थिरता नहीं आने देते ...
यदि अनंत कालसर्प में जन्मे लोगो के सप्तम भाव पर 6 th और 10 th house का प्रभाव नहीं है, तो इनका वैवाहिक जीवन समस्या रहित रहता है।
अनन्त काल सर्प दोष होने पर यदि समस्या हो तो निम्न उपाय किये जानें चाहिए ।:-
जन्म कुंडली मे अनंत कालसर्प होना मात्र उसके परिणाम नहीं होता ये सिर्फ ग्रहीय स्थिति होती है परिणाम उस योग/ दोष के सम्पूर्ण विश्लेषण से ही मिलते हैं ।
किसी भी दोष के उपाय हमारी श्रद्धा और विश्वास से करने मिलते हैं ।
🎈अनंत काल सर्प दोष के उपाय, निवारण :-
Anant kaal sarp Dosh Remedy & Nivaran :-
1)जातक हमेशा सफेद चंदन की माला गले में धारण करें।
2) लग्नेश अथवा राहु यदि शुभ परिणाम देने को बाध्य हो तो लग्नेश तथा राहु का रत्न धारण करना चाहिए।
3) प्रति दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
4) गणेश जी के मंत्रों को प्रतिदिन जाप करना चाहिए।
5) वैवाहिक समस्या होने पर हनुमान जी के मंगलवार को नारियल अर्पित करे।...
😊
हम जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों को तो नहीं बदल सकते लेकिन ग्रहों की स्थिति के अनुसार उस मार्ग का चयन कर सकते है जो हमें स्थिरता तथा उन्नति दे और एक सकारात्मक मार्ग का निर्माण कर सके.... .........!!
कुछ आसान , आवश्यक और सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहो का सहयोग और कुछ सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम । सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है .................!!!
◆ कुलिक कालसर्प योग :-
Aacharya Upendra S. Bhatt
Whatsapp No ::-- 9414204610
Works at advanced & scientific Astrology
{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system ( वर्षफल पद्धति) }
Nice information
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