हमारे चारों ओर "काल सर्प योग" के विषय में सदा से ही सिर्फ अशुभ पक्ष को ही दिखाया जाता रहा है। इस योग को "काल सर्प दोष" का नाम देकर भय , भ्रम , अशुभता ,समस्याप्रद ,तकलीफ और निराशा की बातें ही की जाती हैं।
जब कि "कालसर्प योग " के प्रभाव जितने अशुभ हो सकते है उतने ही शुभ भी हो सकते हैं।
काल सर्प योग एक सामान्य ग्रहीय स्थिति है, जो दुनिया में बहुत सफल लोगों की कुंडली में भी होती है और इसके परिणाम अत्यंत शुभ , लाभदायक भी हो सकते हैं।
ये बात सिर्फ कुंडली के गहन विश्लेषण से ही जानी जा सकती है ,कि अमुक कुंडली में काल सर्प योग शुभ होगा अथवा अशुभ ...!!
आइये बात करते हैं "कुलिक काल सर्प योग" के विषय में :--
जब लग्न कुंडली में राहु दूसरे भाव में हो तथा केतु आठवें भाव में और सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य में हों तो कुलिक नामक काल सर्प योग बनता है ।
इसके लिए एक अनिवार्य शर्त भी इस स्थिति में होनी आवश्यक है । :--
1) सभी ग्रह अंशवत द्वितीय भावगत राहु से अधिक अंश , कला अथवा विकाला पर हों अथवा अगले भाव/ राशि में स्थित हों, लेकिन अष्टम भावगत केतु से सभी कम अंश कला अथवा विकला पर हों अथवा पूर्व के भाव/राशि में स्थित होने चाहिए ।
तभी 'कुलिक' नामक 'कालसर्प योग' बनेगा वरना ये काल सर्प योग भंग हो जाएगा ।
भारतीय ज्योतिष पद्धति के नियमों के अनुसार जन्म कुंडली में स्थित सभी ग्रह अपने परिणाम सिर्फ अपनी दशा अथवा अंतरदशा में देते हैं अथवा समान संयोग (योग) combination वाले अन्य किसी भी ग्रह की दशा या अंतरदशा में जो उस ग्रह के समान परिणाम देने में सक्षम हो।
इसके अतिरिक्त कोई भी ग्रह कभी भी किसी भी प्रकार का परिणाम जीवन में कभी भी नहीं देता,
इसलिए ये धारणा बनाना कि काल सर्प योग का प्रभाव सम्पूर्ण जीवन भर रहता है अथवा आयु विशेष तक ही होता है, बिल्कुल बेबुनियाद है।
काल सर्प योग के परिणाम हमें सिर्फ राहु अथवा केतु की दशा ,अंतरदशा में मिलेंगे अथवा इनसे सम्बन्धित अन्य ग्रह की दशा अंतरदशा में जो राहु अथवा केतु के समान परिणाम देने के संयोग रखता है ।
अब यदि वह समय दशा अंतरदशा में जातक की 4 वर्ष की आयु में आये तो तब परिणाम मिलेंगे या 35 वर्ष की या 65 वर्ष की आयु में तो तब परिणाम मिलेंगे । ..
कुलिक काल सर्प योग के क्या प्रभाव होंगे ये पूरी तरह से अन्य सभी ग्रहों के राहु अथवा केतु से बनने बाले सम्बन्धों पर निर्भर करता है ..
यदि कुलिक काल सर्प योग के शुभ प्रभावों में
इस योग से निर्मित जातक हमेशा पारिवारिक स्नेह , व्यवसाय /नौकरी में निरन्तर धन लाभ , सुखी वैवाहिक जीवन, उच्च सन्तान सुख और ख्याति प्राप्त करता है ।..
कुलिक काल सर्प योग का सबसे बड़ा लाभ जातक को कम मेहनत में धन , प्रतिष्ठा और सम्पत्ति की प्राप्ति होती है ।
यदि जन्म कालीन अन्य ग्रह शुभ हैं, तो ये लोग लाटरी , शेयर बाजार , सट्टा व्यवसाय , कमीशन , ब्याज से जबरदस्त धनार्जन करते हैं।
पारिवारिक सम्पत्ति , ससुराल से धन और सभी सुख इन्हें प्राप्त होते हैं।
यदि राजनीति में जाएं तो बहुत कम प्रयासों से उच्च पद और प्रतिष्ठा शीघ्र ही प्राप्त कर लेते हैं। ...
यदि गुरु राहु केतु से सकारात्मक रूप से सम्बन्धित हो तो इनको धन , स्वर्ण विरासत में मिलता है।
कुलिक कालसर्प योग के अशुभ प्रभावों में सबसे बड़ा प्रभाव व्यवसाय हानि अथवा कर्म क्षेत्र में अस्थिरता होता है ..।
नौकरी का बार बार छूटना , व्यसायिक इकाई का बंद हो जाना , कर्ज में दबते चले जाना ,सम्पति की हानि , सन्तान हानि , सन्तान का गर्भ में ही गिर जाना,विवाह सुख का अभाव ,प्रेम सम्बन्धों में धोखा मिलना , ब्रेकअप , अचानक दुर्घटना होना , बार बार सर्जरी होना होता है।
कुलिक काल सर्प योग एक ऐसा योग है जिसका सीधा प्रभाव धन , कर्मक्षेत्र और सम्बन्धों पर होता है ये शुभता और अशुभता दोनो ही स्थितियो में अतिवादिता को प्रकट करता है ..।
यदि कुलिक काल सर्प योग कुंडली में है, तो इसके प्रभावों का विश्लेषण और उपाय बहुत ही सावधानी से किये जाने चाहिए ...!
सर्वप्रथम हमें उन ग्रहों के प्रभावों को कम करना होगा ,जो राहु केतु की अशुभता बढ़ा रहे हैं, इसके साथ निम्न उपाय किये जाने चाहिए :--
1) घर के दक्षिण पश्चिम कोने पर भारी वजनदार वस्तु रखें ।
2) घर में मछली घर(aquarium) रखें नित्य दाना डालें।
3) भैरू जी के मंदिर दर्शन करें और वहां दूर्वा(घास) में जल चढ़ाएं
4) गणेश जी को बुधवार को दूर्वा अर्पित करे।
5) घर के मुख्य द्वार पर हरे रंग में गणेश जी की प्रतिमा लगाएं।
6) हनुमान जी के मंदिर में मंगलवार और शनिवार को तिल के तेल का दीपक जलाएं।
आपको फिर बता दूं काल सर्प योग सिर्फ सामान्य ग्रहीय स्थिति है जो शुभता अशुभता दोनों ही परिणाम देने की संभावना रखती हैं। ..
यदि आपकी कुंडली मे काल सर्प योग है तो पहले कुंडली विश्लेषण कराएं और शुद्ध परिणाम जानें उसके बाद यदि आवश्यकता है तो ही उपाय करें ..।
बिना कारण के भयभीत , भ्रमित और गुमराह बिल्कुल न हों ।
🙏🙏
जब कि "कालसर्प योग " के प्रभाव जितने अशुभ हो सकते है उतने ही शुभ भी हो सकते हैं।
काल सर्प योग एक सामान्य ग्रहीय स्थिति है, जो दुनिया में बहुत सफल लोगों की कुंडली में भी होती है और इसके परिणाम अत्यंत शुभ , लाभदायक भी हो सकते हैं।
ये बात सिर्फ कुंडली के गहन विश्लेषण से ही जानी जा सकती है ,कि अमुक कुंडली में काल सर्प योग शुभ होगा अथवा अशुभ ...!!
आइये बात करते हैं "कुलिक काल सर्प योग" के विषय में :--
🎈 कुलिक काल सर्प योग:-
जब लग्न कुंडली में राहु दूसरे भाव में हो तथा केतु आठवें भाव में और सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य में हों तो कुलिक नामक काल सर्प योग बनता है ।
इसके लिए एक अनिवार्य शर्त भी इस स्थिति में होनी आवश्यक है । :--
1) सभी ग्रह अंशवत द्वितीय भावगत राहु से अधिक अंश , कला अथवा विकाला पर हों अथवा अगले भाव/ राशि में स्थित हों, लेकिन अष्टम भावगत केतु से सभी कम अंश कला अथवा विकला पर हों अथवा पूर्व के भाव/राशि में स्थित होने चाहिए ।
तभी 'कुलिक' नामक 'कालसर्प योग' बनेगा वरना ये काल सर्प योग भंग हो जाएगा ।
🎈 कुलिक काल सर्प योग प्रभावी समय :-
भारतीय ज्योतिष पद्धति के नियमों के अनुसार जन्म कुंडली में स्थित सभी ग्रह अपने परिणाम सिर्फ अपनी दशा अथवा अंतरदशा में देते हैं अथवा समान संयोग (योग) combination वाले अन्य किसी भी ग्रह की दशा या अंतरदशा में जो उस ग्रह के समान परिणाम देने में सक्षम हो।
इसके अतिरिक्त कोई भी ग्रह कभी भी किसी भी प्रकार का परिणाम जीवन में कभी भी नहीं देता,
इसलिए ये धारणा बनाना कि काल सर्प योग का प्रभाव सम्पूर्ण जीवन भर रहता है अथवा आयु विशेष तक ही होता है, बिल्कुल बेबुनियाद है।
काल सर्प योग के परिणाम हमें सिर्फ राहु अथवा केतु की दशा ,अंतरदशा में मिलेंगे अथवा इनसे सम्बन्धित अन्य ग्रह की दशा अंतरदशा में जो राहु अथवा केतु के समान परिणाम देने के संयोग रखता है ।
अब यदि वह समय दशा अंतरदशा में जातक की 4 वर्ष की आयु में आये तो तब परिणाम मिलेंगे या 35 वर्ष की या 65 वर्ष की आयु में तो तब परिणाम मिलेंगे । ..
🎈कुलिक काल सर्प योग शुभ अशुभ प्रभाव:-
कुलिक काल सर्प योग के क्या प्रभाव होंगे ये पूरी तरह से अन्य सभी ग्रहों के राहु अथवा केतु से बनने बाले सम्बन्धों पर निर्भर करता है ..
शुभ प्रभाव :-
यदि कुलिक काल सर्प योग के शुभ प्रभावों में
इस योग से निर्मित जातक हमेशा पारिवारिक स्नेह , व्यवसाय /नौकरी में निरन्तर धन लाभ , सुखी वैवाहिक जीवन, उच्च सन्तान सुख और ख्याति प्राप्त करता है ।..
कुलिक काल सर्प योग का सबसे बड़ा लाभ जातक को कम मेहनत में धन , प्रतिष्ठा और सम्पत्ति की प्राप्ति होती है ।
यदि जन्म कालीन अन्य ग्रह शुभ हैं, तो ये लोग लाटरी , शेयर बाजार , सट्टा व्यवसाय , कमीशन , ब्याज से जबरदस्त धनार्जन करते हैं।
पारिवारिक सम्पत्ति , ससुराल से धन और सभी सुख इन्हें प्राप्त होते हैं।
यदि राजनीति में जाएं तो बहुत कम प्रयासों से उच्च पद और प्रतिष्ठा शीघ्र ही प्राप्त कर लेते हैं। ...
यदि गुरु राहु केतु से सकारात्मक रूप से सम्बन्धित हो तो इनको धन , स्वर्ण विरासत में मिलता है।
अशुभ प्रभाव :--
कुलिक कालसर्प योग के अशुभ प्रभावों में सबसे बड़ा प्रभाव व्यवसाय हानि अथवा कर्म क्षेत्र में अस्थिरता होता है ..।
नौकरी का बार बार छूटना , व्यसायिक इकाई का बंद हो जाना , कर्ज में दबते चले जाना ,सम्पति की हानि , सन्तान हानि , सन्तान का गर्भ में ही गिर जाना,विवाह सुख का अभाव ,प्रेम सम्बन्धों में धोखा मिलना , ब्रेकअप , अचानक दुर्घटना होना , बार बार सर्जरी होना होता है।
कुलिक काल सर्प योग एक ऐसा योग है जिसका सीधा प्रभाव धन , कर्मक्षेत्र और सम्बन्धों पर होता है ये शुभता और अशुभता दोनो ही स्थितियो में अतिवादिता को प्रकट करता है ..।
❣️ उपाय :- (Remedy)
यदि कुलिक काल सर्प योग कुंडली में है, तो इसके प्रभावों का विश्लेषण और उपाय बहुत ही सावधानी से किये जाने चाहिए ...!
सर्वप्रथम हमें उन ग्रहों के प्रभावों को कम करना होगा ,जो राहु केतु की अशुभता बढ़ा रहे हैं, इसके साथ निम्न उपाय किये जाने चाहिए :--
1) घर के दक्षिण पश्चिम कोने पर भारी वजनदार वस्तु रखें ।
2) घर में मछली घर(aquarium) रखें नित्य दाना डालें।
3) भैरू जी के मंदिर दर्शन करें और वहां दूर्वा(घास) में जल चढ़ाएं
4) गणेश जी को बुधवार को दूर्वा अर्पित करे।
5) घर के मुख्य द्वार पर हरे रंग में गणेश जी की प्रतिमा लगाएं।
6) हनुमान जी के मंदिर में मंगलवार और शनिवार को तिल के तेल का दीपक जलाएं।
आपको फिर बता दूं काल सर्प योग सिर्फ सामान्य ग्रहीय स्थिति है जो शुभता अशुभता दोनों ही परिणाम देने की संभावना रखती हैं। ..
यदि आपकी कुंडली मे काल सर्प योग है तो पहले कुंडली विश्लेषण कराएं और शुद्ध परिणाम जानें उसके बाद यदि आवश्यकता है तो ही उपाय करें ..।
बिना कारण के भयभीत , भ्रमित और गुमराह बिल्कुल न हों ।
🙏🙏
● काल सर्प योग :-
ज्योतिष शास्त्र का सर्वोत्तम व्यवहारिक उपयोग यही है कि हम आज ..! आने वाले कल के लिए जीवन का बेहतरीन प्रबन्धन (management) कर सकें ..........!!!
❤️ कुछ आसान , आवश्यक और सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहों का सहयोग तथा सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम....!!
सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है .................!!!
Aacharya Upendra Shekhar Bhatt
Whatsapp No ::-- 9414204610
"Works at advanced & practical Astrology"
{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system ( वर्षफल पद्धति )


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