Ketu in 7th house remedy( सप्तम भाव में केतु के फल उपाय ) :-
हिन्दू समाज में राहु और केतु को हमेशा से ही सबसे बड़े खलनायक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है...
राहु और केतु एक छाया ग्रह है, "जिनके अपने कोई परिणाम कभी नहीं होते हैं।"
उन्हें जन्म कुंडली में नायक बनना है अथवा खलनायक ये निर्णय और निर्धारण बाकी के सात ग्रह मिलकर करते है
राहु केतु तो खाली हाथ होते हैं, जिसमें कुछ भी लिखा नहीं होता है...
🎈 Ketu in 7th house effects & remedy :-
केतु के सप्तम भाव में फल और आवश्यक उपाय :-
केतु एक स्वाभाविक अलगाववादी तथा विरही प्रकृति रखता है, ये उसका स्वभाव है ,लेकिन जन्म कुंडली मे केतु का परिणाम नहीं ..
केतु के स्वभाव को ही उसका परिणाम मान लिया जाता है और सप्तम भाव के सभी निर्णय ले लिए जाते है ,जो सर्वथा गलत निर्णय होता है। ..
सप्तम भाव पत्नी , दाम्पत्य जीवन , कामशक्ति , पार्टनरशिप , दैनिक आय , तथा प्रत्यक्ष शत्रु का भाव है ।
🍀 यदि कुंडली के सप्तम भाव में बैठा केतु द्वितीय , तृतीय , पंचम , सप्तम , नवम के साथ साथ एकादश भाव से भी सम्बंधित है, तो जीवन के सभी क्षेत्रों में केतु का प्रभाव शुभ , सुखदायक और वृद्धिकारक होगा ...
🎈 यदि कुंडली में अधिकांश ग्रहों के साथ सप्तम भाव स्थित केतु भी एकादश भाव से विशेष सम्बन्ध बनाये तो ये सफल , सौभाग्यपूर्ण , सुखी वैवाहिक जीवन के साथ सफल व्यवसाई होने का भी संयोग है
🎈 यदि सप्तमस्थ केतु पंचम भाव के साथ एकादश भाव से भी सम्बंधित हो तो ये सफल प्रेम विवाह के संयोग है....
🎈 यदि सप्तम भाव में स्थित केतु छठे और दशम भाव से सम्बंधित है, तो ये स्थिति आय की दृष्टि से तो शुभ है ,लेकिन दाम्पत्य सुख में बाधक होती है।
🎈 दशा अंतरदशा में लगातार सप्तमस्थ केतु के साथ त्रिक भावों का बने रहना वैवाहिक सुख में बाधा तथा कलह के बड़े संकेत देता है।...
🍀 उपाय
Remedy
यदि सप्तम भाव मे केतु की स्थिति है तथा वैवाहिक जीवन मे बाधा , समस्या अथवा कष्ट दायक स्थिति है तो
आवश्यक रूप से ये जानना जरूरी है कि किस ग्रह के प्रभाव के कारण केतु के परिणाम दुखदाई हो रहे हैं।
हमें सर्वप्रथम उसके प्रभाव को उपाय से कम करना होगा तभी अन्य उपाय प्रभावी होंगे।
साथ ही केतु के भी निम्न उपाय किये जाने चाहिए:-
💗 प्रत्येक मंगल वार को पंच मुखी हनुमान जी के नारियल अर्पित करें तथा शुभता की कामना करें
💗 हनुमान जी के किसी भी मंदिर में मंगल वार को एक चितकबरा झंडा लगाएं ।
💗 नित्य भैरों जी की उपासना करें ।
💗सम्भव हो तो एक काला कुत्ता पाल लें और सेवा करें ।..
Aacharya Upendra S. Bhatt
. Whatsapp No - 9414204610
Works at advanced & practical Astrology"
(हिन्दू वैदिक ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष ,जैमिनी ज्योतिष ,ताजिक पद्धति )
हिन्दू समाज में राहु और केतु को हमेशा से ही सबसे बड़े खलनायक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है...
राहु और केतु एक छाया ग्रह है, "जिनके अपने कोई परिणाम कभी नहीं होते हैं।"
उन्हें जन्म कुंडली में नायक बनना है अथवा खलनायक ये निर्णय और निर्धारण बाकी के सात ग्रह मिलकर करते है
राहु केतु तो खाली हाथ होते हैं, जिसमें कुछ भी लिखा नहीं होता है...
🎈 Ketu in 7th house effects & remedy :-
केतु के सप्तम भाव में फल और आवश्यक उपाय :-
केतु एक स्वाभाविक अलगाववादी तथा विरही प्रकृति रखता है, ये उसका स्वभाव है ,लेकिन जन्म कुंडली मे केतु का परिणाम नहीं ..
केतु के स्वभाव को ही उसका परिणाम मान लिया जाता है और सप्तम भाव के सभी निर्णय ले लिए जाते है ,जो सर्वथा गलत निर्णय होता है। ..
सप्तम भाव पत्नी , दाम्पत्य जीवन , कामशक्ति , पार्टनरशिप , दैनिक आय , तथा प्रत्यक्ष शत्रु का भाव है ।
🍀 यदि कुंडली के सप्तम भाव में बैठा केतु द्वितीय , तृतीय , पंचम , सप्तम , नवम के साथ साथ एकादश भाव से भी सम्बंधित है, तो जीवन के सभी क्षेत्रों में केतु का प्रभाव शुभ , सुखदायक और वृद्धिकारक होगा ...
🎈 यदि कुंडली में अधिकांश ग्रहों के साथ सप्तम भाव स्थित केतु भी एकादश भाव से विशेष सम्बन्ध बनाये तो ये सफल , सौभाग्यपूर्ण , सुखी वैवाहिक जीवन के साथ सफल व्यवसाई होने का भी संयोग है
🎈 यदि सप्तमस्थ केतु पंचम भाव के साथ एकादश भाव से भी सम्बंधित हो तो ये सफल प्रेम विवाह के संयोग है....
🎈 यदि सप्तम भाव में स्थित केतु छठे और दशम भाव से सम्बंधित है, तो ये स्थिति आय की दृष्टि से तो शुभ है ,लेकिन दाम्पत्य सुख में बाधक होती है।
🎈 दशा अंतरदशा में लगातार सप्तमस्थ केतु के साथ त्रिक भावों का बने रहना वैवाहिक सुख में बाधा तथा कलह के बड़े संकेत देता है।...
🍀 उपाय
Remedy
यदि सप्तम भाव मे केतु की स्थिति है तथा वैवाहिक जीवन मे बाधा , समस्या अथवा कष्ट दायक स्थिति है तो
आवश्यक रूप से ये जानना जरूरी है कि किस ग्रह के प्रभाव के कारण केतु के परिणाम दुखदाई हो रहे हैं।
हमें सर्वप्रथम उसके प्रभाव को उपाय से कम करना होगा तभी अन्य उपाय प्रभावी होंगे।
साथ ही केतु के भी निम्न उपाय किये जाने चाहिए:-
💗 प्रत्येक मंगल वार को पंच मुखी हनुमान जी के नारियल अर्पित करें तथा शुभता की कामना करें
💗 हनुमान जी के किसी भी मंदिर में मंगल वार को एक चितकबरा झंडा लगाएं ।
💗 नित्य भैरों जी की उपासना करें ।
💗सम्भव हो तो एक काला कुत्ता पाल लें और सेवा करें ।..
Aacharya Upendra S. Bhatt
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(हिन्दू वैदिक ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष ,जैमिनी ज्योतिष ,ताजिक पद्धति )


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