रविवार, 17 मई 2020

गज केसरी योग gajakesari yog , gajakesari yoga benefits

      गजकेसरी योग ,गजकेसरी योग के शुभ प्रभाव:-

    gajakesari yog  , gajakesari yoga benefits


 Gajkesari yog

भारतीय हिन्दू वैदिक ज्योतिष में प्राचीन ग्रंथों में गजकेसरी योग(gajakesari yoga)  को केसरी योग के नाम से भी जाना जाता है ।
हिन्दू शास्त्रों में गजकेसरी योग (gajakesari yoga) गुरु बृहस्पति तथा चन्द्रमा द्वारा निर्मित एक अत्यंत शुभ योग माना गया है ..।


ज्योतिष ग्रंथों में चंद्रमा से केंद्र स्थान पर बुध तथा शुक्र की स्थिति को भी गजकेसरी योग (gajakesari yoga) के समान प्रभावशाली माना गया है ।



  गजकेसरी योग कैसे बनता है ? :-
  gajakesari yoga:-

जब जन्म कुंडली में चन्द्रमा तथा गुरु एक ही भाव में स्थित हों या  गुरु तथा चन्द्रमा एक दूसरे से  केंद्र भावों में  हो( गुरु तथा चन्द्रमा आपस में  1 4 7 10 भावों में हो) तो गजकेसरी योग (gajakesari yoga) निर्मित होता है ।


भारतीय परंपरागत ज्योतिष में गजकेसरी योग (gajakesari yoga) को अत्यंत शुभ योग माना गया है  

फलदीपिका  के अनुसार :-

जो व्यक्ति गजकेसरी योग (gajakesari yoga) में उत्पन्न होता है ,वह सिंह के समान अपने शत्रुओं का संहार करता है ।
जिसका अपनी वाणी पर अधिकार होता है तथा  विद्वानोँ की सभाओं  में  किसी भी विषय पर गंभीरता पूर्वक अपनी बात रख सकता है ।
ये दीर्घायु  ,महान और  तीक्ष्ण बुद्धिवान होता है। अपने स्वाभाविक तेज से सभी पर आधिपत्य करता है।

                                                 फलदीपिका



बृहत पराशर होरा शास्त्रम के अनुसार :-

गजकेसरी योग (gajakesari yoga) में उत्पन्न जातक तेजस्वी ,धनी , मेघावी , राज सहयोग पाने वाला ,राजा का प्रिय कार्य करने वाला , दबंग , समाचतुर होता है ।

                             (बृहत पराशर होराशास्त्र)

गजकेसरी योग(gajakesari yoga) निर्मित ग्रह शत्रुक्षेत्री तथा नीचस्त नहीं होने चाहिए..।



   गजकेसरी योग के फल:-
 (gajakesari yoga benefits)

गजकेसरी योग(gajakesari yoga)  में उत्पन्न जातक जबरदस्त प्रतिभाशाली , धार्मिक , शास्त्रों का जानकार , नीतिज्ञ , प्रभावशाली व्यक्तित्व का धनी और अच्छा सलाहकार होता है ।

केंद्र भाव में कर्क राशि में निर्मित गजकेसरी योग (gajakesari yoga) के प्रभाव शुभ माने गए है।

कुंडली के एकादश भाव में निर्मित गजकेसरी योग(gajakesari yoga)  जातक को धन दायक  और ऐश्वर्य देने वाला होता है ।

कुंडली मे यदि गजकेसरी योग पर त्रिक भावों तथा अशुभ ग्रहों के प्रभाव में हो तो उसके शुभ फल नष्ट हो जाते हैं।

        aacharya upendra shekhar bhatt
             whatsapp no:- 9414204610

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