बुधवार, 27 मई 2020

Ketu ke upay (Remedy for ketu) केतु महादशा के उपाय :-

Ketu ke upay (Remedy for ketu) केतु महादशा के उपाय 
Ketu ke upay


केतु :-

भारतीय ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह माना गया है । वास्तव में केतु का  कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है ,लेकिन  जन्म कुंडली में केतु एक  महत्त्वपूर्ण ग्रह है ,जो अपनी शुभता और अशुभता दोनों से जीवन की दिशा और दशा को निर्धारित कर सकता है।

भारतीय शास्त्रों में केतु को धड़ माना गया है ,जो धार्मिक है तथा परमात्मा से प्रार्थना करके सुख सम्पत्ति तथा मोक्ष पाने के लिए प्रयत्न करता है ..।

चूंकि केतु को लेकर हमेशा से ये धारण बनाई जाती रही है , कि केतु अपनी महादशा अथवा अंतरदशा में जातक को हमेशा दुख: , अलगाव , पीड़ा या कष्ट अथवा वैराग्य ही देता है ..।
जब कि ये सिर्फ धारणा ही है वास्तविकता नहीं....!

केतु किसी भी कुंडली विशेष मेंअपनी स्थिति , युति , संयोग विशेष से शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के परिणाम दे सकता है ।

आइये जानते है केतु जब जीवन में शुभ फल देने को बाध्य हो तो क्या उपाय करें तथा जब केतु जीवन में अशुभता के संकेत दे ,तो हमें क्या क्या उपाय करना चाहिए ताकि केतु से मिलने वाले परिणाम सकारात्मक और जीवन को सुखमय बना सकें ।



Ketu ke upay (Remedy for ketu)
केतु के उपायों का निर्धारण  ;-
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केतु एक छाया ग्रह है ,अतः जन्म कुंडली में केतु के स्वतंत्र रूप से  कोई भी परिणाम कभी नहीं होते हैं ।कुंडली में अन्य सात ग्रह ( सूर्य , चन्द्रमा , मंगल , गुरु , शुक्र , बुध और शनि) अपने सम्बन्धों के आधार पर केतु को शुभ अथवा अशुभ परिणाम देने को बाध्य करते हैं।

 जन्म कुंडली में केतु के प्रभाव शुभ होंगे अथवा अशुभ ये सिर्फ केतु की भावगत या राशिगत स्थिति से कभी भी निर्धारित नहीं होता ।

ये एक बहुत गहन विश्लेषण के बाद ही तय होता है की आमुख कुंडली में केतु जीवन के किस क्षेत्र में किस हद तक शुभता अथवा अशुभता रखता है।

इसलिए केतु के उपाय के साथ हमें उस ग्रह / ग्रहों के भी उपाय करने होंगे जो केतु पर अपना  शुभ अथवा अशुभ प्रभाव रखता/ रखते  हैं।



Ketu ke upay(Remedy for ketu)

यदि केतु शुभ फल देने को बाध्य है तो ये उपाय करें :-
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1) यदि कुंडली विशेष में केतु सम्पत्ति , व्यवसाय में लाभ , धन , समृद्धि , प्रतिष्ठा , लाभ दे रहा है तो निश्चत ही केतु रत्न "लहसुनिया"( cats eye ) धारण करना चाहिए

2) उस ग्रह विशेष का भी रत्न धारण करना चाहिए जो केतु के शुभ प्रभावों में वृद्धि कर रहा है।

3) यदि कुंडली मे केतु शुभ है तो हमें केतु दशा अंतरदशा में केतु से सम्बंधित वस्त्र चितकबरा रंग ( Printed garment) धारण करना लाभ देता है

4) कुत्ता अपने घर में पालें और उसकी सेवा करें ..

5)  यदि केतु अपनी दशा अंतरदशा में व्यवसाय में लाभ बताता है तो केतु से सम्बंधित व्यवसाय करना लाभ देगा ।


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Ketu ke upay (Remedy for ketu)

(केतु शांति के उपाय)
जब केतु जन्म कुंडली में अशुभ परिणाम दे तो उपाय करें..
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केतु जब अपनी दशा अंतरदशा में अशुभ फल दे रहा है तो सबसे पहले उस ग्रह की शान्ति के उपाय करें जो केतु पर अशुभ प्रभाव रखता है ।
उसके साथ निम्न उपाय करें :-

1) केतु मंत्र "ॐ के केतवे नमः" अथवा  " ॐ गं गणपतये नमः  का जाप प्रतिदिन करें ।

2)शिव मंदिर में सोमवार को घी का दीपक जलाएं ।

3) भैरो जी की उपासना करें तथा भैरव चालीसा का पाठ करें ।

4) एक केतु ध्वजा ( चितकबरा झंडा) किसी भी मंदिर में अपने हाथ से लगाएं ।

5) किसी काले कुत्ते को प्रतिदिन दूध और रोटी या ब्रेड खिलाएं..।

6) प्रति दिन सप्तधान्य मिलाकर पक्षियों को खिलाएं ।

7) किसी कुष्ट रोगी की सेवा करें अथवा कुष्ट आश्रम में समय समय पर दान दें ..।

8) ग्रीष्मकाल में पानी की प्याऊ लगवाएं ..।

9)  घर में असगंध का पौधा लगाएं ।

10) प्रतिदिन किसी भी धर्म स्थान में दूर्वा( घास) में जल चढ़ाएं ।


कोई भी दो उपाय केतु के शुभ अथवा अशुभ परिणाम के आधार पर किये जाने चाहिए  ...

                                     आचार्य उपेंद्र शेखर भट्ट

                                       9414204610

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