बुधवार, 1 जुलाई 2020

राहु की माया ( rahu planet ) rahu in astrology


 राहु की माया   rahu planet ( rahu in astrology )
   
 राहु की माया ( rahu planet)

भारतीय ज्योतिष में राहु ग्रह (rahu planet) को मायावी ग्रह माना गया है ।
क्योंकि राहु हमेशा अपनी दशा अंतरदशा में जातक को चोंकाने वाले परिणाम देता है ।

राहु किसी को राजा से रंक बना देता है तो किसी को रंक से राजा..
राहु ही  है जो रातों रात व्यक्ति की जीवन भर में कमाई , धन , मान प्रतिष्ठा को पल भर में धूमिल कर देता है, तो वहीं राहु ही किसी को भी चमत्कृत रूप से आसमान की बुलंदियों पर बैठा देता है .. 

बड़े से बड़े ज्योतिष के जानकार कुंडली में राहु ग्रह (Rahu planet)के परिणामों को समझने में धोखा खा जाते है ।

इसीलिए राहु की दशा अंतरदशा में  सभी भविष्यवक्ता भविष्यकथन करने से कतराते है और सिर्फ राहु ग्रह (rahu planet) के उपाय तक ही बात करते है ..



👉 आइये समझते है राहु को और पकड़ते है राहु की नब्ज़ को और देखते है, क्यों राहु अपने समय में इतना बेकाबू होता है ।


- राहु की माया 
Rahu planet ( Rahu in astrology)

राहु वास्तव में कोई भौतिक ग्रह या पिंड नहीं है, राहु सिर्फ एक पात बिंदु है अथवा सरल शब्दों में समझें तो वह बिंदु (point)छाया है जब सूर्य , पृथ्वी तथा चन्द्रमा एक साथ एक ही सीधी लाइन में आ जाते हैं,  जब ग्रहण की स्थिति होती है तब वह छाया चन्द्रमा तथा सूर्य को ढक लेती है ।
 यह पात बिंदु   हर 18 महीने में विपरीत क्रम में पिछली राशि में सरकता रहता है ...


राहु के परिणाम:-
Rahu in astrology


राहु का खुद का कभी भी कोई भी स्वतंत्र परिणाम व्यक्ति के जीवन में कभी भी नहीं होता है .....

राहु एक शून्य की स्थिति है या एक ब्लैक होल है
 जो उसे मिलने वाले सभी प्रभावों को अपने अंदर खींच लेता है ।
और  फिर उन्हीं प्रभावों को अपनी दशा अंतरदशा में एक साथ जातक पर परावर्तित कर देता है।
बस इस reflection से जो ऊर्जा निकलती है या प्रभाव निकलते है यही राहु की माया है ।

- अब सवाल है कि ये कौनसे प्रभाव है जिसे राहु अपने अंदर खींचता है और अपनी दशा अंतरदशा में  reflect करता है ..??

राहु उन सभी ग्रहों के प्रभावों को पुनः भेजता है, जो ग्रह आकाश में उसे अपना प्रभाव दे रहे है।

ये प्रभाव है कुंडली में उन सभी ग्रहों/ भावेशों के जो राहु को कुंडली में सम्बन्धित सभी ग्रहों से मिल रहे है।


राहु के परिणामों का निर्धारण :-
Rahu planet

जन्म कुंडली में राहु को मायावी बनाने वाले वे सभी ग्रह / भावेश है जो राहु को प्रभावित करते है तथा कुंडली में राहु के परिणामों को निर्धारित भी करते है..


👉 राहु ग्रह (rahu planet) उस राशि स्वामी के परिणाम देता है जिसकी राशि में वह स्थिति है।

👉 राहु उन ग्रहों के भी प्रभाव पुनः भेजता है, जिनके साथ कुंडली में युति कर रहा है तथा जिनकी दृष्टि राहु पर पड़ रही है ।

👉 राहु उस ग्रह के भी प्रभाव भी देता है जिनके नक्षत्र में वह स्थित है ।

इन सभी  ग्रहों/भावेशों के प्रभाव राहु एक साथ अपनी दशा तथाअंतरदशा में जातक को देता है ।

अब इतनी एनर्जी और एक साथ पड़ने वाले ग्रहों/ भावेशों के प्रभावों से जातक भ्रमित हो जाता है, 
उसके जीवन में बहुत सारी घटनाएं लगातार घटित हो जाती हैं।

- इसीलिए कहते हैं,'राहु केतु तो मस्त ज्योतिषी पस्त' 


किसी भी जन्म कुंडली में राहु की दशा अंतरदशा के प्रभावों तथा परिणामों का विश्लेषण बहुत ही विवेक और धैर्य से किया जाता है।


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- क्यों कि एक ही दशा या अंतरदशा में राहु (rahu planet) विवाह भी करा देता है और तलाक भी करा देता है ।

- राहु रातों रात आसमान की बुलंदियों पर भी पंहुचा देता है और जमीन पर भी ला सकता है ..

-राहु ही व्यक्ति को एक ही समय  सम्पत्ति देता भी है और छींन भी लेता है।


यदि राहु के परिणामों को समझा जा सके तो उस दशा अंतरदशा में हम राहु के समय का सर्वोत्तम प्रबंधन और उपयोग कर सकते है ..।
🙏


        Astrologer Upendra shekhar bhatt
           

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