शुक्रवार, 26 मार्च 2021

मालव्य योग (Malavya yoga in hindi)

   मालव्य योग  (Malavya yoga in hindi)


💞 जन्म कुंडली में कैसे बनता है मालव्य योग


Malavya yoga in hindi


जन्म कुंडली में शुक्र जब केंद्र स्थान (1 4 7 10 भाव) में अपनी ही राशि ( वृष या तुला) अथवा अपनी उच्च राशि (मीन) में स्थित हो तो कुण्डली में मालव्य योग नामक पंच महा पुरुष नामक योग का निर्माण होता है ...!!


💚 भारतीय परंपरागत ज्योतिष में मालव्य योग निर्मित जातक आकर्षक व्यक्तित्व , विपरीत लिंग के लोगों को में विशेष प्रिय होते है। उनके आंखें बड़ी बड़ी , ऊंची नाक, पतली कमर तथा उनके हाथ पैरों में शंख, कमल या मछली के निशान होते हैं. ये लोग  कलात्मक, बुद्धिमान, प्रसिद्ध, हास्य प्रिय होते है इन्हें  जीवन में सभी भौतिक सुख और समृद्धि  प्राप्त करते है !



आइये जानते है आधुनिक समय में अलग अलग  केंद्र भाव से बना मालव्य योग क्या परिणाम देता है ...!!



💞  लग्न में बना मालव्य योग :---

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⭕  यदि लग्न में मालव्य योग का निर्माण होता है तथा शुभ ग्रहों तथा भावेशों से सम्बंधित है तो जातक उत्तम स्वास्थ्य , दीर्घायु ,  विलासिता पूर्ण जीवन , आकर्षक व्यक्तित्व ,  सुंदर देह  वाला होता है .......!!


ये लोग भीड़ में अलग नजर आते हैं ,अपने विशेष व्यक्तित्व और आकर्षण के कारण  सबके चहेते होते है .....!!


⭕  लग्न में स्थित शुक्र का विशेष शुभ ग्रह तथा शुभ भावों से सम्बद्ध होने पर  ये अच्छे खिलाड़ी बनते है जो अपनी कला कौशल और विशेष तकनीकी के आधार पर खेल जगत में अपना कौशल दिखाते है ...!!


⭕   लग्न में बना मालव्य योग विशेष घरो के साथ एकादश भाव से भी सम्बन्ध बनाता है तो  ये लोग राजनीति के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते है  तथा समय विशेष में अपने व्यक्तित्व तथा कौशल से अच्छा पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं ......!!


⭕ लग्न में निर्मित मालव्य योग के साथ जन्म कुंडली में अच्छे शिक्षा के योगों के साथ शुक्र दशम अथवा एकादश भाव से सम्बन्ध बनाता है तो जातक चिकित्सा के क्षेत्र में जाता है  तथा  त्वचा / रति रोग विशेषज्ञ , plastic

surgeons , Beautician , Nephrologist अथवा Gynecologist होता है ....!



👹  जब लग्न में स्थित  शुक्र का सम्बंध सम्मलित रूप से  6 8  भावों से होता है तो  जातक कई कारणों से  तनाव ( depression)  का शिकार होता है .....!!


👹  यदि शुक्र यहां स्थित  होकर अशुभ ग्रहो के प्रभाव में हो और 6 8 12 भावो से भी सम्बन्ध बनाता है तो जातक  ऐसी बीमारियों का शिकार हो जाता है जिसकी उसे जीवन पर्यन्त चिकित्सा लेनी पड़ती है ...!


लग्न में बना मालव्य योग यदि ,दूषित तथा  त्रिक भावों से सम्बंधित है  तो  किडनी की बीमारी , नपुंसकता , चेहरे पर निशान या दाग धब्बे ,  त्वचा विकार देता है ....!!


लग्न में स्थित शुक्र विशेष घरों से सम्बंधित होकर यदि 8 12 भावों  से भी सम्बन्ध बनाले तो राजनीतिक जीवन में scandals ,  बदनामी , आरोप प्रत्यारोप भी लगवाता है ....!!



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💞  चतुर्थ भाव में बना मालव्य योग :--

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⭕  चतुर्थ भाव मे बना मालव्य योग  जातक को पूर्ण मातृ सुख , खुश मिजाज , प्रफुल्लित  बनाता है इसकी पहचान  सभी वर्गों के लोगों में होती है , इनकी लोगों में अच्छी पैठ  होती है ,  जातक की अच्छे लोगों से दोस्ती होती है ...!!


यदि  यहाँ स्थित शुक्र शुभ भावों से सम्बद्ध हो तो जातक सुंदर और बड़ी सम्पत्ति का मालिक होता है ...!


⭕  चतुर्थ भाव मे स्थित शुक्र यदि एकादश और द्वादश भावों से सम्बद्ध होतो जातक कई और luxurious  वाहनों का मालिक  होता है उसके मकान भव्य और सुंदर होता है  तथा जातक  विलासिता की वस्तुओं पर खर्च करता है ...!!


⭕.  चतुर्थ भाव में बना मालव्य योग जब त्रिकोणेश से सम्बंधित हो तो जातक अच्छी शिक्षा प्राप्त करता है ...!!

यहां स्थित शुक्र का जब विशेष शुभ सम्बन्ध दशम  अथवा एकादश भाव से होता है तो जातक शिक्षा/कार्य क्षेत्र में  पुरस्कार , विजय , प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता  भी  आसानी से प्राप्त करता है ....!!


👹👹  यदि  यहाँ स्थित शुक्र का सम्बंध 6 8 12 भावों से होता है तो मालव्य योग के प्रभाव बहुत कमजोर हो जाते है


👹   यदि विशेष स्थिति में 6 8 12 भावों के साथ जब यहाँ अशुभ / अलगाववादी प्रभाव भी हो तो ये सम्पत्ति का नुकसान ,  मुकदमे में सम्पत्ति की क्षति, वाहन की चोरी, वाहन दुर्घटना , माता के स्वास्थ्य में गिरावट  को बताता है.....!!


👹    चतुर्थ भाव मे स्थित शुक्र विशेष परिस्थिति तथा सम्बन्धों में अशुभ प्रभाव रखने पर नौकरी में तबादला , घर से दूरी ,  अपहरण , गृहबंदी , भूमिगत होना ,  घर से भाग जाना ,  जैसे स्थितियाँ भी दे सकता है ....!!


👹  चतुर्थ भाव में बना मालव्य योग अशुभ तथा अन्य विशेष घरों से सम्बंधित होने पर सन्तान उत्पत्ति में बाधक भी होता है ......!!!

यहाँ बना ये योग सन्तान से मन मुटाव , सन्तान से दूरी भी देता है .....!!



🎈 जन्म कुंडली मे किसी भाव मे बना मालव्य योग विभिन्न ग्रहों/ भावेशों  से युति , दृष्टि , के अनुसार अपने शुभ तथा अशुभ परिणाम देता है ....!

किसी भी भाव का शुद्ध परिणाम सम्पूर्ण कुण्डली विश्लेषण से ही जाना जा सकता है ......!!

                                       शेष अगली बार ..........!!

  हम जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों को तो नहीं बदल सकते लेकिन ग्रहों की स्थिति के अनुसार उस मार्ग का चयन कर सकते है जो हमें स्थिरता तथा उन्नति दे और एक सकारात्मक मार्ग का निर्माण कर सके.... .


💚   कुछ आसान , आवश्यक और सही समय पर किये गए सही उपाय , कुछ जन्म  पत्रिका के अनुसार सकारात्मक ग्रहों का सहयोग तथा  सही मार्ग का चयन और सही दिशा में किया गया परिश्रम । सुखी और खुशियों से भरा जीवन दे सकता है ..........


                Aacharya Upendra Shekhar Bhatt

    .                    whatsapp no :- 9414204610

"Works at  advanced &  practical Astrology"


{हिन्दू ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति) }



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