शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

केमद्रुम योग तथा उपाय (kemdrum yog in hindi )

 

 केमद्रुम योग तथा उपाय (kemdrum yog in hindi ) :- 


केमद्रुम योग तथा उपाय (kemdrum yog in hindi )



📍केमद्रुम योग क्या होता है तथा कैसे बनता है 

📍 केमद्रुम योग के जीवन पर क्या प्रभाव होते है 

📍 केमद्रुम योग भंग कब होता  है 

📍 केमद्रुम योग के उपाय

📍 निष्कर्ष




⭕  केमद्रुम योग क्या होता है तथा कैसे बनता है :-


भारतीय ज्योतिष शास्त्र में केमद्रुम योग चन्द्रमा द्वारा निर्मित एक महत्तपूर्ण योग है जिसे एक अशुभ योग माना गया है ..


जब जन्म कुंडली में चन्द्रमा जिस भाव में स्थित होता है उस भाव से अगले भाव (द्वितीय भाव) तथा पिछले भाव (द्वादश भाव) में कोई भी ग्रह स्थित ना हो तो कुंडली में केमद्रुम योग निर्मित होता है ..


मुख्य बात ये है कि केमद्रुम योग में छाया ग्रह (राहु अथवा केतु ) को सम्मिलित नहीं किया जाता..




⭕ केमद्रुम योग का प्रभाव:-


भारतीय परम्परागत ज्योतिष में केमद्रुम योग को अशुभ योग माना गया है ..

मान्यता है कि कुंडली में केमद्रुम योग होने पर  जातक  मलिन , निर्धन , दुखी  तथा निंदनीय होता है । जातक सदा मानसिक तथा शारीरिक पीड़ा से ग्रस्त रहता है वह धर्म , नैतिकता तथा सामाजिक व्यवस्था तथा मान्यताओं के विरुद्ध कार्य करता है ..


उसे पारिवारिक सुख , स्त्री सुख का अभाव रहता है। व्यक्ति जीवन पर्यंत स्थायी आय के साधनों  तथा रोजगार के लिए भटकता रहता है...!


महर्षि बराहमिहिर केमद्रुम योग के विषय में कहते है कि -

 राजकीय परिवार में जन्मे जातक की कुंडली में यदि केमद्रुम योग है तो उसके विषय मे सधारण परिवार में जन्मे व्यक्ति से भी अधिक दुर्भाग्य की भविष्य वाणी करनी चाहिए..




⭕  केमद्रुम योग भंग कब होता है :-


जन्म कुंडली मे कुछ विशेष योग अथवा स्थितियाँ होने पर केमद्रुम योग भंग हो जाता है या उसके प्रभाव बहुत ही क्षीण हो जाते है ..


📍 चन्द्रमा से केंद्र में ग्रह होने पर केमद्रुम योग के प्रभाव क्षीण हो जाते है ..


📍 चन्द्रमा से दशम भाव  में कोई भी योग कारक अथवा शुभ ग्रह है तो केमद्रुम योग के प्रभाव पूर्णतः समाप्त हो जाते है ..


📍 जन्म कुंडली में चन्द्रमा किसी भी ग्रह के साथ युति करता है तो केमद्रुम योग भंग माना जाता है ..


📍 कुंडली में चन्द्रमा पर शुभ अथवा योगकारक ग्रह की दृष्टि होने पर केमद्रुम योग के प्रभाव बहुत ही कमजोर हो जाते है ..


📍 नवमांश वर्ग कुंडली में  चन्द्रमा के उच्च या स्व नवांश में स्थित होकर केंद्र या त्रिकोण में  होने पर केमद्रुम योग भंग हो जाता है 



(💞 आचार्य उपेंद्र शेखर भट्ट

whatsapp no - 9414204610)




⭕ केमद्रुम योग के उपाय :-


जन्म कुंडली मे केमद्रुम योग होने पर निन्म उपाय करके इसके अशुभ प्रभावों को बहुत ही कमजोर अथवा समाप्त किया जा सकता है ..


1) प्रत्येक सोमवार को शिव लिंग पर गाय के दूध , जल , मिश्री , गाय का घी से अभिषेक करें तथा केले का भोग लगाएं..


2)  पूर्णिमा अथवा सोमवार को व्रत करें तथा सिर्फ फलों का सेवन करें..


3) घर में पूजा स्थान में लाल कपड़े पर श्री यंत्र स्थापित करें तथा पूजा में कपूर जलाए..


4) घर के वायव्य कोण (उत्तर पश्चिम) कोने को हमेशा स्वच्छ रखे तथा प्रतिदिन संध्या के समय यहां मिट्टी के बर्तन में कपूर जलाकर रखें..


5) यदि कुंडली में चन्द्रमा योगकारक है तो चांदी में मोती धारण करें ..


6) पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा की रोशनी में बैठे..


7) सोमवार को रुद्राक्ष की माला धारण करें तथा चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पर्स में रखें


8) यदि चन्द्रमा कुंडली मे अवयोग वन रहा है अथवा अशुभ हो तो सोमवार को , चीनी , दूध , दही , चावल , लस्सी , का दान करें ..


9) गर्मियों में पानी की प्याऊ लगवाए अथवा उसके लिए दान करें ...



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 whatsapp no - 9414204610)




⭕ निष्कर्ष (मेरा विचार):-


चूंकि केमद्रुम योग ज्योतिष में अशुभ योग माना गया है परंतु चन्दमा के अतिरिक्त कुंडली अन्य ग्रह भी अपना शुभाशुभ प्रभाव भी रखते है जो इसेके केमद्रुम योग के प्रभावों को कमजोर अथवा क्षीण करते है ...


यदि दशा अंतरदशा में हमें चन्द्रमा के अशुभ प्रभाव मिल रहे है तो हम दिए हुए उपायों में से कोई भी दो तीन उपायों को एक साथ करके केमद्रुम योग के अशुभ प्रभावों को क्षीण कर सकते है ...

🙏🙏

 

 💞 Acharya Upendra Shekhar Bhatt    

whatsapp no :- 9414204610                                        


 works at  advanced  &  practical Alastrology"

      {हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष        और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति )



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