गुरुवार, 13 मई 2021

गुरु चांडाल योग के प्रभाव तथा फायदे


 गुरु चांडाल योग (guru chandal yog) के प्रभाव तथा फायदे :-


गुरु चांडाल योग | guru chandal yog) | गुरु चांडाल योग के फायदे



गुरु चांडाल योग (guru chandal yog)


भारतीय ज्योतिष  के अनुसार जब कुंडली के किसी भी भाव में गुरु तथा राहु की युति ( एक ही भाव में ) हो तो इसे गुरु चांडाल योग या चांडाल दोष माना जाता है ..


जन्म कुंडली के द्वितीय , पंचम तथा नवम भाव में बना गुरु चांडाल योग अधिक नुकसानदेह तथा समस्यप्रद माना जाता है ।


ज्योतिष वर्ग में ये मान्यता है कि कुंडली में  किसी भी भाव मे बना गुरु चांडाल योग (चांडाल दोष)अंशवत रूप से जितने कम अंशों पर बनेगा  इसके प्रभाव उतने ही नकारात्मक तथ कष्टप्रद होंगे

यदि अंशवत दूरी 15° से कम है तो गुरु चांडाल योग के प्रभाव अशुभ तथा तकलीफदेय हो सकते है 

यदि गुरु तथा राहु की अंशवत दूरी 15° से अधिक अंशों पर है तो  इस युति के प्रभाव लगभग कमजोर होते है ।




गुरु चांडाल योग के लक्षण अथवा प्रभाव  :-


 भारतीय ज्योतिष में गुरु धन , ज्ञान , शिक्षा , धर्म , सन्तान तथा स्वास्थ्य के कारक माने जाते है तथा राहु एक तामसिक छाया ग्रह माना गया है जो जीवन के सभी क्षेत्रों  में समस्याएं कठिनाइयां अवरोध देता है तथा हमेशा ही अशुभ फलदाई होता है ।

कुंडली में गुरु चांडाल योग होने पर व्यक्ति नास्तिक , धर्म का मजाक बनाने वाला , अपने धन को गलत कार्यों में खर्च करने वाला होता है 





कुंडली के अलग अलग भावों में बने गुरु चांडाल योग के प्रभाव :-


कुंडली के द्वितीय तथा त्रिकोण भाव में बना गुरु चांडाल योग व्यक्ति के सन्तान सुख में बाधक होता है व्यक्ति के सन्तान हानि , गर्भपात करता है तथा सन्तान के नालायक होना जैसी समस्यायँ आती है ।


व्यक्ति की प्रारंभिक शिक्षा में कठिनाइयां आती है तथा उच्च शिक्षा अधूरी ही रह जाती है ।

व्यक्ति को धन एकत्रित करने में अवरोध आते है 


छटे  तथा अष्टम भाव में बना  गुरु चांडाल योग जातक को असाध्य बीमारियां , पिता के सुख में कमी तथा पिता के धन का नाश करने वाला बनाता है । व्यक्ति को पुलिस केस ,  मुकदमे बाजी का भी सामना करना पड़ सकता है


केंद्र स्थानों में बना गुरु चांडाल योग व्यक्ति के व्यवसाय / नौकरी में उतार चढ़ाव , वैवाहिक जीवन में समस्याएं देता है व्यक्ति अनैतिक साधनों से धनार्जन करता है ।




गुरु चांडाल योग के फायदे :-


कुंडली के त्रिकोण भावों में बना गुरु चांडाल योग यदि त्रिक भावों से सम्बंधित नहीं है तो व्यक्ति बुद्धिमान , ज्ञानी तथा चतुर होता है ।

वह उच्च शिक्षा के साथ अनुसंधान तथा अंवेषण के क्षेत्र में ख्याति अर्जित करता है ..


केंद्र स्थानों पर बना गुरु चांडाल योग यदि आय भावों से सम्बंधित हो तो व्यक्ति अपनी मेहनत से समाज मे स्थान , प्रतिष्ठा तथा धन प्राप्त करता है 

व्यक्ति राजनीति , समाजसेवा में रुचि रखने वाला होता है ।





 गुरु चांडाल योग के उपाय :-


यदि राहु चांडाल योग के परिणाम अशुभ प्राप्त हो रहे हैं तो निन्म उपाय किये जा सकते है ..


राहु से सम्बंधित वस्तुओं का का दान करें ..


प्रतिदिन स्वयम भोजन करने से पूर्व गाय को रोटी खिलाएं..


धन सम्बन्धित किसी भी निर्णय में अनुभवी अथवा बड़ों की राय ले।


छोटे बच्चों को शिक्षा से सम्बंधित वस्तुएं दान करे ।

केसर तथा  चंदन मिलाकर तिलक लगाएं 


घर से निकलते समय सफेद पगड़ी अथवा सफेद टोपी पहनकर निकलें 





निष्कर्ष (मेरा अनुभव) My opinion :- 



कुंडली में किसी भी परिणाम को सिर्फ एक युति अथवा ग्रहों के योग से नहीं आंका जा सकता ।


गुरु चांडाल योग में राहु के परिणाम गुरु के प्रभावों को ही बताते है ।क्यों कि राहु के स्वयं के कोई भी परिणाम नहीं होते 

 यदि कुंडली मे गुरु के परिणाम शुभ है तथा इस युति का सम्बंध सम्मिलित रूप से त्रिक भावोँ से नहीं बनता तो गुरु चांडाल योग के परिणाम निश्चित ही शुभ होंगे..

अशुभ प्रभाव होने पर हम उपाय करके अशुभता को कम कर सकते है 



Aacharya Upendra Shekhar Bhatt                                           

                   Whatsapp No ::--  9414204610


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{हिन्दू वैदिक ज्योतिष , जैमिनी ज्योतिष , नाड़ी ज्योतिष और ताजिक system  ( वर्षफल पद्धति )






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