नवम भाव में राहु का महत्त्व , प्रभाव तथा उपाय (Rahu in 9th house effect and remedy)
ज्योतिष में राहु स्वार्थ , सुखलिप्ता उच्च महत्त्वाकांक्षा का प्रतीक है । राहु हमेशा अपने लाभ , हित तथा सभी भौतिक सुखों की प्रबल इच्छा रखता है ..
राहु प्रेम, सहयोग तथा किसी भी बंधन में विश्वास नहीं करता । राहु को सभी पारिवारिक , सामाजिक , धार्मिक तथा नैतिक सम्बन्धो को नकारने उनकी अवज्ञा तथा अवमानना करने में उसे आनंद आता है ।
नवम भाव में राहु के शुभ तथा अशुभ प्रभाव :-
भारतीय ज्योतिष में नवम भाव में राहु व्यक्ति को ढ़ोंगी , पाखंडी , धर्मान्धता , कट्टरपन तथा नैतिक मूल्यों की अवहेलना करने वाला बनाता है ।
नवम भाव में राहु व्यक्ति को लोभी ,दुष्चरित्र तथा हीन वर्ग की महिलाओं से प्रेम तथा सम्बन्ध रखने वाला बनाता है ऐसा जातक शत्रुओं से कष्ट पाने वाला होता है । धूर्तता तथा विश्वासघात उसका स्वभाव होता है
नवम भाव में राहु पिता के सुख में कमीं तथा व्यक्ति के कर्म क्षेत्र में बार बार अवरोध अथवा परिवर्तन देता है ।
नवम भाव में राहु जातक को सन्तान सुख में बिलम्ब , भाई के सुख में कमी करता है ।
नवम भाव में राहु यदि मिथुन , कन्या तथा मकर राशि में हो तो व्यक्ति धार्मिक होता है। ऐसा जातक गणितज्ञ , अमुसन्धान कर्ता , वित्त विशेषज्ञ तथा विदेश यात्रा से भाग्योदय पाने वाला होता है ।
मेष , सिंह तथा धनु राशि मे बैठा नवम भाव में राहु व्यक्ति को व्यवहार कुशल , बड़ों का सम्मान करने वाला तथा दान परोपकार करने वाला बनाता है ।
नवम भाव मे राहु यदि 10 , 11 भाव से सम्बंधित हो तो व्यक्ति धर्म , न्याय , नीति तथा शिक्षा के क्षेत्र में सफलता तथा यश प्राप्त करता है ।
नवम भाव में राहु कुंडली मे केंद त्रिकोण भावो से सम्बंधित होने पर व्यक्ति को गुणी ,उदार , परोपकारी ,ज्ञानी , यशस्वी , प्रतिभावान तथा धनी बनाता है ।
नवम भाव में मेष , वृष , मिथुन , कर्क , कन्या राशि का राहु जातक को भाग्यशाली , धन वैभव सम्पन्न , विद्वान ,शीलवान तथा ईश्वर भक्त बनाता है व्यक्ति विदेश यात्राएं करता है ।
निष्कर्ष (मेरा दृष्टिकोण) My point of view:-
नवम भाव में राहु यदि कुंडली के धन भावों से सम्बंधित है तो व्यक्ति को कम मेहनत में ऊंचाइयां दिलाता है व्यक्ति धर्मिक होता है तथा यात्राएं करके धन कमाता है ।
त्रिक भावोँ से सम्बंधित नवम भाव में राहु व्यक्ति के नौकरी , व्यापार में नुकसान , बार बार परिवर्तन देता है , व्यक्ति नास्तिक होता है तथा जीवन भर भटकता रहता है ।
नवम भाव में राहु के उपाय :-
यदि नवम भाव मे राहु के कष्ट निवारण के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं ।
1) व्यक्ति को महालक्ष्मी ह्रदय स्तोत्र अथवा कनक धारा का पाठ करना चाहिए ।
2) व्यक्ति घर मे दक्षिण पश्चिम स्थान पर अपना बिस्तर ना लगाए ।
3) मछलियों को बुधवार तथा रविवार को आटे की गोलियां बनाकर डाले ।
4) गले मे सफेद चंदन अथवा रुद्राक्ष की माला पहने तथा चंदन का तिलक लगाएं ।
5) मंदिर में घास पर प्रतिदिन जल दे
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