शनिवार, 1 मई 2021

प्रथम भाव में राहु के शुभ-अशुभ फल तथा उपाय


प्रथम भाव में राहु के शुभ-अशुभ फल तथा उपाय | rahu in 1st house |



 प्रथम भाव में राहु के शुभ-अशुभ फल तथा उपाय


भारतीय परम्परागत ज्योतिष के अनुसार प्रथम भाव में राहु व्यक्ति कोअभिमानी , क्रोधी , तथा रोगग्रस्त बनाता है ।

प्रथम भाव में राहु होने पर जातक कठोर बोलने वाला , अभिमानी ,परिवार तथा समाज से उपेक्षित , झूँठ बोलने वाला , निर्दयी , व्यभिचारी तथा गलत मार्ग से धन कमाने वाला होता है ।


प्रथम भाव में राहु व्यक्ति को धुन का पक्का दृष्ट निश्चयी , निरन्तर मेहनत तथा प्रयत्नशील ,धर्म विरोधी , स्वतंत्र विचार धारा वाला , मर्यादा तोड़ने वाला बनाता है ।




आधुनिक विचारधारा में प्रथम भाव में राहु व्यक्ति को शुभ तथा अशुभ दोनों तरह के  फल दोनों देने की सम्भवनाये रखता है ..


राहु एक छाया ग्रह है जिसका स्वयं का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता अतः उसका स्वयं का कोई स्वतंत्र प्रभाव तथा फल भी नहीं होता ।


राहु कुंडली में स्थित अन्य ग्रहों तथा भावेशों से स्थिति विशेष से सम्बंधित होकर अपने समय में शुभ तथा अशुभ फल व्यक्ति को देता है ..




प्रथम भाव में राहु के शुभ फल


प्रथम भाव में राहु यदि पंचम तथा नवम भाव से सम्बंधित हो तो व्यक्ति दीर्घ आयु , रोग रहित, उच्च शिक्षित  ,दयालु तथा दूसरों की मदद करने वाला होता है । व्यक्ति धार्मिक तथा विज्ञान में रुचि रखने वाला ,बुद्धिमान एवम ईमानदार होता है।


प्रथम भाव में राहु दशम तथा एकादश भाव से सम्बन्धित होकर जातक को राजनीति के क्षेत्र में सफलता तथा पद प्रतिष्ठा दिलाता है ।


प्रथम भाव में बैठा राहु व्यक्ति को तीक्ष्ण बुद्धि , मेहनती , निरन्तर प्रयत्नशील तथा सभी सामाजिक बन्धनों से परे अपना रास्ता स्वयम बनाने वाला बनाता है ।


जन्म कुंडली में अच्छे शिक्षा के योगों के साथ लग्नस्थ राहु दशम अथवा एकादश भाव से सम्बन्ध बनाता है तो जातक  चिकित्सा के क्षेत्र में जाता है  तथा संक्रमण रोग विशेषज्ञ , एनेस्थीसिया विशेषज्ञ , बनाता है।



प्रथम भाव में राहु के आशुभ फल


प्रथम भाव में राहु यदि त्रिक भावों (6 8 12) से सम्बंधित है तो जातक असाध्य बीमारियों से घिरा रहता है , व्यक्ति अल्पायु  तथा रोगी होता है । 


प्रथम भाव में राहु त्रिक भावो के साथ 2nd house से भी सम्बन्ध बना के तो व्यक्ति भ्रम  तथा कई मानसिक बीमारियों का शिकार रहता है तथा आत्महत्या जैसे कदम भी उठा सकता है


प्रथम भाव में राहु छटे भाव से सम्बंधित होकर विवाह में रुकावट तथा वैवाहिक जीवन मे समस्याएं देता है ।


प्रथम भाव में बैठा राहु दशम भाव से सम्बंधित होकर विवाह विच्छेद (तलाक) करवाता है 


लग्न में बैठा राहु विशेष घरों से सम्बंधित होकर यदि 8 12 भावों  से भी सम्बन्ध बनाले तो व्यक्ति राजनीतिक जीवन में scandals ,  बदनामी , आरोप प्रत्यारोप भी लगवाता है तथा कारावास की सजा दिलवाता है ।




प्रथम भाव में राहु के उपाय


घर के दक्षिण पश्चिम स्थान पर कोई भारी वस्तु रखकर उस स्थान को भारी करे


गले मे चंदन की माला पहने तथा माथे पर चंदन का तिलक लगाएं ।


किसी भी मंदिर से घास (दूव) लाकर घर पर लगाये तथ प्रतिदिन जल दे ।


नारियल का बुरादा तथा चीनी मिलाकर चीटियों को खिलाएं ।


मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाये ।


घर में बांस का पौधा (बैम्बू ट्री) लगाएं ।




प्रथम भाव में राहु से कष्ट होने पर कोई भी तीन उपाय किये जा सकते है 



                 Aacharya upendra shekhar bhatt


                         Whatsapp no - 9414204610


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