सोमवार, 3 मई 2021

भद्र योग (Bhadra yoga) , पंचमहापुरुष योग , निर्माण तथा फल



 भद्र योग (Bhadra yoga) बुध से बना पंचमहापुरुष योग , निर्माण तथा फल :-

भद्र योग (Bhadra yoga)



भद्र योग (Bhdra yoga) बुध द्वारा निर्मित पंचमहापुरुष योग है ।



भद्र योग (Bhadra yoga) निर्माण (परिभाषा) :-


जब जन्म कुंडली में बुध अपनी स्व राशि तथा उच्च राशि कन्या में या अपनी दूसरी स्व राशि मिथुन में स्थित होकर कुंडली के केंद्र स्थान (1 4 7 10 भाव) में स्थित हो तो भद्र योग (bhadra yoga) का निर्माण होता है ।

भारतीय ज्योतिष में भद्र योग bhadra yoga)  रूचक योग  , मालव्य योग , हंस योग तथा शश योग के समान ही  अत्यंत शुभ पंचमहापुरुष योग माना जाता है ।




भद्र योग (Bhadra yoga) के फल :-


भारतीय परम्परागत ज्योतिष ( फलदीपिका) ( बृहत पराशर होरा शास्त्र ) के अनुसार 

भद्र योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि , स्वभाव से चतुर , शारीरिक रूप से शक्तिशाली , शेर के समान चहेरे वाला पूर्ण विकसित छाती तथा स्वास्थ्य से निरोगी होता है।


भद्र योग में जन्मा जातक अच्छे वस्त्र धारण करने वाला स्वच्छ तथा विलासिता पूर्ण जीवन जीने वाले होता है ।


कुंडली में भद्र योग हो तो व्यक्ति का जीवन वैभवशाली होता है , विद्वान लोग भी उसकी प्रसंशा करते है ,वह बोलने में तथा भाषण देने में बहुत चतुर होता है तथा व्यक्ति राजा के समान उच्च पदाधिकारी होता है ।




निष्कर्ष ( मेरा दृष्टिकोण) :-

 (My point of view)


यदि जन्म कुंडली में बुध भद्र योग का निर्माण करके षड्बल में 1:6 से अधिक बली है तो इसके अत्यंत शुभ फल प्राप्त होंगे , यदि बुध अल्पबली हुआ तो अपेक्षाकृत शुभ फलों में कमी होगी .

साथ ही केंद्र में अपनी राशि में बैठा बुध यदि त्रिक भावों (6 8 12 भावों) के साथ साथ स्वाभाविक अशुभ ग्रहों से पीड़ित हुआ तो भद्र योग के सभी फल नष्ट हो जाते है ..


ये भी पढ़े :-


 रूचक योग निर्माण (परिभाषा) तथा रूचक योग के फल :-

● मालव्य योग अलग अलग भावोँ में बने मालव्य योग के फल :-

● हंस योग निर्माण (परिभाषा) तथा फल :-

●  शश योग अलग अलग केंद्र भावों में बने शश योग के फल :-     

       


                                  Aacharya Upendra S. Bhatt  

                                  Whatsapp No ::--  9414204610


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